
RANCHI: कांग्रेस ने केंद्र सरकार की “जनविरोधी नीतियों” के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 18 दिसंबर को रांची स्थित राजभवन तक मार्च का ऐलान किया है। इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी के कार्यकर्ता, मंत्री, सांसद, विधायक, और प्रदेश के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का बयान.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने संगठन के पदाधिकारियों को इस मार्च को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार की नीतियां आम जनता के खिलाफ हैं। महंगाई, बेरोजगारी, और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की नीतियां देश के संविधान के खिलाफ हैं। कांग्रेस पार्टी लगातार इन मुद्दों को उठा रही है, मगर केंद्र सरकार हर सवाल से बचने की कोशिश कर रही है।”
अडाणी प्रकरण पर सरकार को घेरा।
कमलेश ने अडाणी मामले को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब देश के बाहर अडाणी समूह के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं, तब भारत सरकार उन्हें बचाने में जुटी है। यह दिखाता है कि मौजूदा सरकार केवल पूंजीपतियों की हितैषी है, न कि जनता की।”
कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व सक्रिय।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लगातार जन मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। कमलेश ने कहा, “हमारा संघर्ष संविधान की रक्षा और आम जनता के अधिकारों की लड़ाई है। केंद्र सरकार की चुप्पी इस बात का सबूत है कि वह देश के सवालों का सामना नहीं करना चाहती।”
क्या है कांग्रेस का एजेंडा?
इस राजभवन मार्च को कांग्रेस जनता से जुड़े मुद्दों पर एक बड़े संदेश के रूप में देख रही है। पार्टी ने इसे केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा बताया है।
जनता से अपील।
प्रदेश कांग्रेस ने झारखंड की जनता से भी इस मार्च में शामिल होने की अपील की है। पार्टी का कहना है कि यह प्रदर्शन हर उस व्यक्ति की आवाज को बुलंद करेगा, जो महंगाई और अन्याय से परेशान है।
क्या होगा असर?
कांग्रेस के इस प्रदर्शन से झारखंड की राजनीति में हलचल तेज होने की संभावना है। 18 दिसंबर का दिन राजनीतिक रूप से अहम हो सकता है।