
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना: लाभुक महिलाओं को 31 मार्च तक बिना बाधा मिलेगा भुगतान
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुक महिलाओं को 31 मार्च 2025 तक बिना किसी रुकावट के आर्थिक सहायता मिलती रहेगी, चाहे उनका बैंक खाता आधार से लिंक हो या नहीं। हालांकि, सभी लाभार्थियों को 31 मार्च तक अपने खाते को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सरकार ने आधार लिंकिंग से जुड़ी समस्याओं के जल्द समाधान का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
योजना में बदलाव और समयसीमा विस्तार
पहले सरकार ने खाते को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 तय की थी। अगस्त 2024 की कैबिनेट बैठक में 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को इस योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया था। उस समय यह तय हुआ था कि आधार लिंक न होने के बावजूद, महिलाओं को योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन 31 दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। लेकिन बड़ी संख्या में महिलाओं के खाते आधार से लिंक न होने के कारण, सरकार ने यह समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दी है।
गड़बड़ियों की जांच और सख्त कार्रवाई
योजना के तहत राज्य के 24 जिलों में लाभुक महिलाओं की संख्या 59 लाख के करीब पहुंच गई है। हालांकि, बोकारो, हजारीबाग और पलामू सहित कुछ जिलों में गड़बड़ियों की शिकायतें मिली हैं, जहां कई महिलाओं ने एक से अधिक आवेदन किए हैं। इसे देखते हुए, सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को लाभुकों के सत्यापन के निर्देश दिए हैं। गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनसे राशि की वसूली होगी।
बजट और वित्तीय प्रावधान
दिसंबर 2024 के विधानसभा सत्र के दौरान, सरकार ने इस योजना के लिए अनुपूरक बजट पेश किया था। 27 दिसंबर को सभी जिलों को 5225 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी गई। सरकार के अनुसार, दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक इस योजना पर 5900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
23% लाभुकों के खाते आधार से लिंक नहीं
6 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के नामकुम में आयोजित एक कार्यक्रम में 56.61 लाख महिला लाभुकों के खातों में 1415.44 करोड़ रुपये की राशि भेजी। लेकिन सरकारी जांच में सामने आया कि लगभग 23% लाभार्थियों के बैंक खाते अभी भी आधार से लिंक नहीं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने आधार लिंकिंग की समयसीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का फैसला लिया, ताकि सभी महिलाओं को योजना का लाभ मिल सके।