
झारखंड में साइबर ठगी का कहर जारी, एम्स देवघर के नर्सिंग अधिकारी बने शिकार
झारखंड में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा घटना में, एम्स देवघर के एक नर्सिंग अधिकारी साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए और 10.82 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें Telegram लिंक भेजकर अपने जाल में फंसाया और धीरे-धीरे बड़ी रकम ऐंठ ली।
Telegram लिंक से हुई ठगी
मामला 8 फरवरी का है, जब एम्स देवघर में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी दिनेश चौधरी को एक Telegram लिंक भेजा गया। यह लिंक “Amazon Working Benefit Group” से जुड़ा था, जिससे जुड़ने के बाद उन्हें ऑनलाइन टास्क करने के लिए प्रेरित किया गया। शुरुआत में उन्हें अमेज़न कार्ट में कपड़े और खिलौने जोड़ने का काम सौंपा गया और इसके बदले 150 रुपये दिए गए।
ठगी का तरीका
धीरे-धीरे ठगों ने नर्सिंग अधिकारी से अधिक टास्क पूरा करने के लिए पैसे जमा करने के लिए कहा। इस दौरान, उन्होंने पांच बार में 28,500 रुपये जमा करवाए। इसके बाद, क्रेडिट स्कोर सुधारने के नाम पर 2 लाख रुपये और फिर क्रिप्टो करेंसी फंड ट्रांसफर व सरकारी टैक्स के नाम पर 1,55,856 रुपये ऐंठ लिए।
इतना ही नहीं, ठगों ने झांसा दिया कि उनकी कमाई का रिटर्न 6,23,427 रुपये हो चुका है, लेकिन वह उनके खाते में नहीं आए। इसके बाद वीआईपी चैनल अकाउंट खोलने के बहाने 80,000 रुपये और सिक्योरिटी चार्ज के नाम पर 25,000 रुपये की मांग की गई। इस तरह, कुल मिलाकर नर्सिंग अधिकारी से 10.82 लाख रुपये की ठगी कर ली गई।
साइबर थाना में दर्ज हुई शिकायत
ठगी का अहसास होने पर दिनेश चौधरी ने तुरंत साइबर थाना में शिकायत दर्ज करवाई और एनसीआरपी (National Cyber Crime Reporting Portal) पर भी मामला रिपोर्ट किया। फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और साइबर ठगों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
सावधानी बरतें, साइबर ठगों से बचें!
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, लोगों को अनजान Telegram लिंक, व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य ऑनलाइन जॉब ऑफर्स से सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी संदिग्ध लिंक या स्कीम में बिना जांच-पड़ताल के शामिल न हों और किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न भेजें।