
गिरिडीह: नालसा नई दिल्ली और झालसा रांची के निर्देशानुसार चल रहे 90 दिवसीय जागरूकता एवं आउटरीच अभियान के तहत मंगलवार को सदर प्रखंड के SSSGDNF गर्ल्स हाई स्कूल, पचम्बा में विशेष कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लीगल लिटरेसी क्लब की छात्राओं को कानून से जुड़ी अहम जानकारियां दी गईं।
बाल विवाह निषेध अधिनियम पर चर्चा।
कार्यक्रम का मुख्य विषय था बाल विवाह निषेध अधिनियम। पैनल अधिवक्ता बिपिन कुमार यादव ने बच्चियों को इस कानून के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चियों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को भी प्रभावित करता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका पर प्रकाश।
पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर) कामेश्वर कुमार ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों और कार्यालय की भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे यह संस्था समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को न्याय दिलाने में मदद करती है।
बाल विवाह के दुष्परिणामों पर विशेष फोकस।
पीएलवी गुफरान आलम ने बाल विवाह के गंभीर दुष्परिणामों को रेखांकित किया। उन्होंने छात्राओं को समझाया कि बाल विवाह से उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर कैसे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी का योगदान।
कार्यक्रम में पीएलवी मुकेश कुमार का सहयोग विशेष रूप से सराहनीय रहा। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय के निर्देशन में यह अभियान चलाया जा रहा है।
छात्राओं ने दिखाई जागरूकता की उत्सुकता।
इस अवसर पर छात्राओं ने कानून से जुड़ी अपनी शंकाओं को पैनल के समक्ष रखा। विशेषज्ञों ने सरल और प्रभावी ढंग से उनके सवालों का जवाब दिया।
समाज में बदलाव की ओर एक कदम।
कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का यह आयोजन न केवल छात्राओं को सशक्त बना रहा है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पचम्बा की बेटियां अब कानून की रोशनी से अपने अधिकारों को पहचानने और उनका उपयोग करने को तैयार हैं।