
परवेज़ आलम
गिरिडीह: अहिंसा, त्याग और करुणा का संदेश देने वाले 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की 2624वीं जयंती गुरुवार को देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। इसी क्रम में झारखंड के गिरिडीह और सरिया शहरों में भी जैन समाज की ओर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धा और आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
सरिया में निकली भक्ति की गंगा
सरिया के स्टेशन रोड से शुरू हुई शोभायात्रा में भगवान महावीर की सजीव झांकी दो विशेष वाहनों पर सजाई गई थी। रथों में विराजमान भगवान की मूर्ति को फूलों, रंग-बिरंगे कपड़ों और झूमरों से सजाया गया था। साथ ही बच्चों की टोली हाथों में जयकारों की तख्तियां लिए उत्साहपूर्वक नारे लगाते हुए चल रही थी — “जिओ और जीने दो”, “अहिंसा परमो धर्मः”।
सरिया जैन समाज की अगुवाई में निकली इस शोभायात्रा में प्रमुख रूप से राजेश जैन, डिंपल जैन, संदीप जैन, विक्की जैन, अजित जैन, मोना जैन और संतोष जैन जैसे समाजसेवी शामिल रहे।
गिरिडीह में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
वहीं गिरिडीह के बड़ा चौक से निकली शोभायात्रा में हजारों की संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूमती रहीं, तो पुरुषों की टोली जयकारों के साथ आगे बढ़ती रही। एक विशेष आकर्षण रहा भगवान महावीर का घोड़े पर सुसज्जित रथ, जिसमें अष्टधातु की मूर्ति को नगर भ्रमण कराया गया।
हर गली में बिखरी भक्ति की रोशनी
शहर की गलियों से गुजरते हुए शोभायात्रा ने मानो पूरा गिरिडीह को भक्ति के रंग में रंग दिया। मंदिर से निकलते ही रथ की आरती की गई और भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दो घोड़ों पर सवार युवक शोभायात्रा का प्रहरी स्वरूप में नेतृत्व करते नजर आए।
समापन पर जलाभिषेक और भंडारे का आयोजन
शोभायात्रा के बाद मंदिर प्रांगण में भगवान महावीर स्वामी का जलाभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की गई। दोपहर में श्रद्धालुओं के लिए भव्य भंडारे का आयोजन हुआ और देर शाम तक आरती व अन्य धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे।
इस मौके पर महिला जैन समाज की सदस्य राजश्री जैन ने कहा, “भगवान महावीर का संदेश आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। जब पूरा विश्व हिंसा और संघर्ष से गुजर रहा है, तब ‘जिओ और जीने दो’ का विचार हर घर तक पहुंचना चाहिए।”
शोभायात्रा में शामिल हुए कई प्रमुख श्रद्धालु
इस आयोजन में अशोक जैन, अंकित जैन, अजय जैन, पद्म जैन, विजय सेठी, अमित जैन, राजन जैन, अविनाश सेठी, सार्थक जैन और विनीता जैन समेत जैन समाज के अनेक गणमान्य श्रद्धालु शामिल हुए।