
गिरिडीह: जिला मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में सोमवार कोनमन प्रियेश लकड़ा ने पथ निर्माण विभाग, झारखंड सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य।
बैठक में उपायुक्त ने विकास परियोजनाओं में लंबित मामलों के निपटारे और परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। विशेष तौर पर एनएच-114 से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें लंबित मामलों और मुआवजा वितरण प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई।
एनएच-114: लंबित मामलों का जल्द निपटारा।
बैठक में एनएच-114 से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने जानकारी दी कि FRA (वन अधिकार अधिनियम) का निर्णय लिया जा चुका है।
• छह मौजा के लिए अवार्ड तैयार कर रैयतों के बीच वितरित किया जा रहा है।
• लाभुकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
• रैयतों द्वारा भू-अर्जन कार्यालय में राजस्व दस्तावेज जमा करने के बाद मुआवजा भुगतान प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।
भू-अर्जन में तेजी के लिए निर्देश।
उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को भू-अर्जन कार्यालय के साथ समन्वय बनाकर कैंप आयोजित करने और लंबित एलपीसी (भूमि प्रबंधन प्रमाणपत्र) और वंशावली प्रमाणपत्र को शीघ्र निर्गत करने का निर्देश दिया।
अधिकारियों को समन्वय पर जोर।
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यों को तेज करना होगा। उन्होंने कहा, “विकास कार्यों में देरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
बैठक में कौन-कौन थे मौजूद?
इस महत्वपूर्ण बैठक में पथ निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, और भू-अर्जन कार्यालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सभी ने परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी और समयबद्धता सुनिश्चित करने का वादा किया।
प्रगति की ओर कदम।
जिले में चल रही सड़क निर्माण परियोजनाओं को लेकर उपायुक्त के सख्त निर्देश और तेजी लाने की पहल यह दर्शाती है कि जिला प्रशासन विकास कार्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अब यह देखना अहम होगा कि परियोजनाओं की ये रफ्तार धरातल पर कैसे दिखती है।