
देवघर साइबर थाना की विशेष टीम ने कुंडा और जसीडीह थाना क्षेत्रों में स्थित नैयाडीह और पैनी गांव के समीप जंगल में छापेमारी कर 12 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। ये आरोपी खुद को फर्जी ब्लॉक अधिकारी बताकर आम लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं, जैसे किसान समृद्धि योजना और मंईयां सम्मान योजना, का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस मीडिया सेल के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी विभिन्न थाना क्षेत्रों के निवासी हैं:
- सारठ थाना क्षेत्र: श्याम सुंदर दास (डुमरिया गांव), नितेश कुमार दास (रानीबांध गांव)
- मधुपुर थाना क्षेत्र: विक्रम दास (चक बगजोरा गांव), कुंदन दास (पसिया गांव)
- मोहनपुर थाना क्षेत्र: अमित कुमार (खरगडीहा गांव), अख्तर अंसारी (लतासारे गांव)
- करौं थाना क्षेत्र: सफाकत अंसारी, सरफराज अंसारी, सिराज अंसारी (नागादारी गांव, बुढ़ियाबाद टोला)
- देवीपुर थाना क्षेत्र: सूरज कुमार दास (बिरनियां गांव)
- कुंडा थाना क्षेत्र: अनिल कुमार दास (कुरुमटांड़ गांव)
साक्ष्य बरामद, साइबर ठगी का बड़ा जाल उजागर
पुलिस की छापेमारी टीम ने आरोपियों के पास से 17 मोबाइल फोन, 34 सिम कार्ड (23 सामान्य और 11 प्रतिबिंब टारगेटेड सिम) बरामद किए हैं। जांच के दौरान, इन मोबाइल नंबरों के खिलाफ पहले से ऑनलाइन शिकायतें दर्ज होने की पुष्टि हुई। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर फर्जी कॉल करते थे और केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठगते थे।
मुख्य आरोपी पर पहले भी दर्ज हैं मामले
गिरफ्तार श्याम सुंदर दास के खिलाफ साइबर ठगी और आईटी एक्ट के तहत पहले भी मामला दर्ज है। वर्ष 2020 में साइबर थाना में दर्ज एक ठगी मामले में वह पहले भी जेल जा चुका है।
पुलिस की अपील: सतर्क रहें, साइबर अपराध की सूचना दें
देवघर पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस ने बताया कि अगर किसी को साइबर ठगी की जानकारी मिलती है, तो वह मोबाइल नंबर 9798302117 पर गुप्त सूचना दे सकता है। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
इसके अलावा, पुलिस ने लोगों से कहा कि वे किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर निजी जानकारी साझा न करें और गूगल या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले अनजान कस्टमर केयर/हेल्पलाइन नंबरों पर भरोसा न करें। आधिकारिक सहायता के लिए हमेशा संबंधित संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट पर ही संपर्क करें।
यदि कोई साइबर ठगी का शिकार होता है, तो हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत जरूर दर्ज कराएं।