
गिरिडीह जिले के पीरटांड़ प्रखंड में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर बार की तरह इस बार भी गजराज ने अपने रास्ते में आने वाले हर चीज को बर्बाद कर दिया। शनिवार देर रात जंगली हाथियों का झुंड पीरटांड़ के पालगंज पंचायत के सुगवाटांड़ टोला में घुस आया।
हाथियों ने गीता देवी, विलसी देवी और कौशल्या देवी के घरों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
हाथियों ने घर में रखा धान, अनाज और खेतों में लगी आलू की फसल को रौंद डाला।
हाथियों के झुंड की यह हरकत गांव के लोगों के लिए डर और परेशानी का कारण बन ई।
कहां से आए ये हाथी?
घटना से पहले, हाथियों का झुंड जलेबिया घाटी के पास देखा गया था। वन विभाग नजर बनाए हुए था, लेकिन देर रात ये झुंड जंगल के रास्ते सुगवाटांड़ पहुंच गया।
मंत्री का दौरा:
घटना की सूचना मिलते ही झारखंड सरकार के मंत्री व गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात हाथियों द्वारा क्षतिग्रस्त किये गए तीन घरों के परिवार को दस दस हजार का चेक और एक एक पेटी चावल दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वन विभाग ने कहा है कि हाथियों को भगाने के लिए बांकुड़ा से विशेषज्ञ टीम बुलाई जा रही है। यह पहली घटना नहीं है। बदगांव पंचायत के बसगदवा टोला में हाथियों ने दो घरों को क्षतिग्रस्त किया था।
32 हाथियों का झुंड लेड़वा, मंझलाडीह और पथलघटिया में कई किसानों के खलिहान पहुंचकर धान चट कर गया। पीड़ित किसानों और स्थानीय मुखिया ने वन विभाग से क्षतिपूर्ति मुआवजे की मांग की है।
सुरक्षा की गुहार:
जंगल और पहाड़ों के नजदीक बसे गांवों के लोग हाथियों के डर से अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
क्न विभाग को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए? जो अभी तक हो नहीं पाया है ।