
गिरिडीह: झारखंड के नगर विकास मंत्री और सदर विधायक सुदीव्य कुमार सोनू की ओर से होटल उत्सव उपवन में मकर संक्रांति के अवसर पर पारंपरिक दही, चूड़ा और तिलकुट का प्रसाद ग्रहण करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ताओं के अलावा कई गणमान्य लोग शामिल हुये । मंत्री सुदीव्य कुमार सोनू ने इस खास अवसर पर झामुमो के साथियों के साथ ही पूरे राज्य वासियों व देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं।
गुरुद्वारा ग्राउंड में लोहड़ी का रंगारंग उत्सव।
इधर सोमवार देर शाम सिख समाज ने गुरुद्वारा ग्राउंड परिसर में लोहड़ी पर्व को बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया। पारंपरिक भंगड़ा और गिद्दा की प्रस्तुति ने माहौल को जीवंत बना दिया। ढोल की थाप पर सिख समुदाय के लोगों ने जमकर नृत्य किया, वहीं पंजाबी गीतों ने आयोजन में चार चांद लगा दिए।
गिरिडीह गुरुद्वारा के मुख्य प्रधान सेवक गुणवंत सिंह मोंगिया ने सबसे पहले पवित्र लोहड़ी प्रज्वलित की। इसके बाद सिख समुदाय के सदस्यों ने अग्नि की परिक्रमा करते हुए परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
मकर संक्रांति पर मिलन समारोह का आयोजन।
गिरिडीह में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में कई स्थानों पर मिलन समारोह आयोजित किए गए। भाजपा नेता और गिरिडीह बार एसोसिएशन के सचिव चुन्नुकांत ने अपने आवासीय कार्यालय में दही, चूड़ा और तिलकुट के साथ पारंपरिक मकर संक्रांति का आयोजन किया। इस मौके पर चुन्नुकांत ने मकर संक्रांति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह पर्व केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि इसका संबंध विज्ञान, कृषि और सामाजिक जीवन से भी है। यह दिन शुभ कार्यों की शुरुआत और आपसी मेल-मिलाप का प्रतीक है।”
इंजीनियर विनय सिंह के कार्यालय में भी पर्व की धूम।
सेवानिवृत्त इंजीनियर विनय सिंह के बोड़ो कार्यालय परिसर में भी मकर संक्रांति के मौके पर भव्य मिलन समारोह आयोजित हुआ। यहां भी पारंपरिक दही, चूड़ा और तिलकुट के साथ पर्व मनाया गया। विनय सिंह ने इस अवसर पर कहा, “मकर संक्रांति हमारे सामाजिक जीवन में मेल-जोल और परंपराओं का प्रतीक है। यह पर्व धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
इस कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष महादेव दुबे, जिला परिषद अध्यक्ष मुनिया देवी, प्रदेश कार्य समिति सदस्य सुरेश साहू, जिला महामंत्री महेंद्र वर्मा, नवीन सिन्हा, रंजीत राय, प्रमोद सिंह, और कई अन्य प्रमुख लोग शामिल हुए।
उत्सवों ने दिया सामाजिक एकता का संदेश।
गिरिडीह में आयोजित इन दोनों प्रमुख पर्वों ने यह संदेश दिया कि सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के माध्यम से सामाजिक जुड़ाव और समर्पण को मजबूत किया जा सकता है। लोहड़ी और मकर संक्रांति के माध्यम से गिरिडीह के लोगों ने मिलन, खुशहाली और समृद्धि का संदेश पूरे जिले में फैलाया।