
खास रिपोर्ट. परवेज़ आलम……..
झारखंड के उस थाने की, जिसने पूरे देश में झारखंड का नाम रोशन कर दिया है।
अमित शाह ने दिया सम्मान!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के गिरिडीह जिले के निमियाघाट थाने को देश के तीन सर्वश्रेष्ठ थानों में शामिल होने का गौरव दिलाते हुए सम्मानित किया।
इस सम्मान को तत्कालीन थाना प्रभारी राणा जंगबहादुर सिंह ने 29 नवंबर को भुवनेश्वर मे ग्रहण किया। यह पुरस्कार हर साल गृह मंत्रालय द्वारा देश के सबसे बेहतरीन थानों को दिया जाता है।
निमियाघाट को क्यों मिला यह अवार्ड?
आप सोच रहे होंगे कि निमियाघाट थाना आखिर क्यों चुना गया?
👉 आम जनता के साथ पुलिस का व्यवहार।
👉 थाने की साफ-सफाई और सुविधाएं।
👉 दिव्यांगों के लिए रैंप और पुलिसकर्मियों की फिटनेस के इंतजाम।
👉 सीसीटीवी और फायर सेफ्टी जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं।
इन सभी मानकों पर खरा उतरते हुए निमियाघाट थाना इस बार देश के शीर्ष तीन थानों में अपनी जगह बना सका।
झारखंड का नाम राष्ट्रीय मंच पर!
इस सम्मान ने यह साबित कर दिया कि छोटे शहरों और गांवों की पुलिसिंग भी राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल बन सकती है। निमियाघाट थाना अब पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन चुका है।
राणा जंगबहादुर सिंह: इस सफलता के असली हीरो!
थाने की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे तत्कालीन थाना प्रभारी राणा जंगबहादुर सिंह का नाम है। उनके नेतृत्व में यह थाना हर मानक पर खरा उतरा और अब अमित शाह के हाथों ट्रॉफी लेने के बाद यह उपलब्धि झारखंड के लिए गर्व का विषय बन गई है।
क्या यह झारखंड पुलिस के लिए नई शुरुआत है?
यह सवाल अब झारखंड की पुलिसिंग व्यवस्था के लिए प्रेरणा है। क्या निमियाघाट की इस सफलता को राज्य के बाकी थाने भी अपना सकेंगे?
झारखंड पुलिस ने क्या नया मानक स्थापित किया है?
ऐसे समय में, जब पुलिसिंग को अक्सर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, निमियाघाट थाना यह दिखाता है कि सही दिशा, नेतृत्व और जनता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ पुलिस सिस्टम कितनी बेहतरीन बन सकती है।