
परवेज आलम
GIRIDIH: झारखंड के गिरिडीह में लोकतंत्र का जश्न देखने को मिला, जहां मामूली झड़पों के बावजूद चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। लालगढ़ की ऐतिहासिक धरती पर लोकतंत्र का गुलाल इस बार भी खूब बिखरा। सुबह छह बजे से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें लग गईं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों की जबरदस्त भागीदारी ने खास ध्यान खींचा।
ग्रामीणों ने रचा लोकतंत्र का इतिहास
गांवों में लोगों के उत्साह ने यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र का असली जज्बा आज भी वहां की गलियों में धड़कता है। महिलाओं, युवाओं, और बुजुर्गों ने मतदान प्रक्रिया को जीवंत बना दिया। हर केंद्र पर व्यवस्थित कतारें, वोट डालने के बाद मुस्कुराते चेहरे और व्यवस्था में निहित अनुशासन ने लोकतंत्र की ताकत को उजागर किया।
चिंता देवी का प्रेरणादायक योगदान
गांडेय विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 351 परने मतदान कर लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण पेश किया। उनका यह योगदान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गया।
गिरिडीह में 60.57 मतदान
गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का उत्साह शाम तक बंपर मतदान का संकेत दे रहा था। हर बूथ पर भीड़ और लंबी कतारें लोकतंत्र की सफलता की कहानी कह रही थीं।
एक मतदान अधिकारी पर कार्रवाई
गांडेय विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 338 पर एक विवाद ने प्रशासन का ध्यान खींचा। पीठासीन अधिकारी प्रमोद कुमार को मतदान केंद्र पर गोपनीयता भंग करने के आरोप में हटा दिया गया। बीजेपी ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज जारी किया, जिसमें पोलिंग एजेंट द्वारा वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश दिखाई गई। जिला निर्वाचन पदाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि प्रमोद कुमार को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ कांड दर्ज किया गया है। उनकी जगह ओंकार नाथ राम को तैनात किया गया।
इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद, गिरिडीह में लोकतंत्र का उत्सव शांतिपूर्ण और सफल रहा, जहां जनता ने अपने अधिकार का प्रयोग कर मजबूत लोकतंत्र की नींव को और सुदृढ़ किया।