
परवेज़ आलम की रिपोर्ट………
गिरिडीह जिले में सरकार और प्रशासन मिलकर वंचित समुदायों के उत्थान की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज पीरटाड़ प्रखंड के नौकोनिया गांव में एक अनोखा सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा और पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और सरकारी योजनाओं के लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
पारंपरिक स्वागत और कल्याण योजनाओं की जानकारी।
कार्यक्रम का आरंभ पारंपरिक रीति-रिवाजों से हुआ, जहां उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागतकिया। उपायुक्त ने ग्रामीणों को केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और अपील की कि सभी इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
मनरेगा कार्ड और ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण।
कार्यक्रम में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने जरूरतमंदों के बीच मनरेगा जॉब कार्ड वितरित किए। साथ ही, बढ़ती ठंड को देखते हुए गर्म कपड़े और कंबल बांटे गए, ताकि ग्रामीण शीतलहर से बच सकें। उपायुक्त ने ठंड से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतने की अपील भी की।
बच्चों के लिए खेल सामग्री और शैक्षणिक सामग्रियां वितरित।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चों को पढ़ाई और खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खेल सामग्री जैसे बैट, बॉल, फुटबॉल और शैक्षणिक सामान—कॉपी, पेन, पेंसिल—साथ ही स्वेटर, जूते और मोजे वितरित किए गए। इस दौरान उपायुक्त ने बच्चों से संवाद कर उनकी पढ़ाई और रुचियों के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद में भी भाग लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान।
कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं का गोदभराई और बच्चों का अन्नप्राशन किया गया। उपायुक्त ने गर्भवती महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए सात्विक और पौष्टिक भोजन के महत्व पर जोर दिया। महिलाओं को उचित आहार और स्वच्छता से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई।
सामुदायिक पुलिसिंग: भरोसे और जुड़ाव की पहल।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार ने सामुदायिक पुलिसिंग के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह कार्यक्रम पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करने का जरिया है। ग्रामीणों को भरोसा दिलाया गया कि उनकी सुरक्षा और भलाई प्रशासन की प्राथमिकता है।
अधिकारियों की उपस्थिति।
कार्यक्रम में पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी, सीआरपीएफ के पदाधिकारी, और कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे। सभी ने सामुदायिक जुड़ाव को और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई।
गिरिडीह के सुदूर इलाकों में आयोजित यह सामुदायिक कार्यक्रम सिर्फ योजनाओं के प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सरकार और प्रशासन की ओर से जरूरतमंदों तक पहुंचने की एक सकारात्मक पहल थी। नौकोनिया गांव के इस आयोजन ने दिखाया कि जब प्रशासन और जनता मिलकर काम करते हैं, तो बदलाव की राह आसान हो जाती है।