
परवेज़ आलम की रिपोर्ट ……..
गिरिडीह :एक समय साइबर अपराध के लिए कुख्यात जामताड़ा का नाम अब देवघर -दुमकाऔर गिरिडीह के साथ लिया जा रहा है। देशभर में ठगी करने वाले इन जिलों के साइबर ठगों ने हर किसी को परेशान कर रखा है। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आईफोरसी) ने झारखंड पुलिस को 300 फोन नंबरों की लिस्ट भेजी है। इन नंबरों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड के लिए किया जा रहा है।
आईफोरसी की कार्रवाई: क्या होगा इन नंबरों का?
आईफोरसी का काम देश में साइबर अपराध को रोकना और पुलिस को तकनीकी मदद देना है। झारखंड पुलिस ने इन नंबरों को संबंधित जिलों की पुलिस को भेजने की तैयारी कर ली है, ताकि जांच शुरू की जा सके और ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
झारखंड मॉडल पर केंद्र का ऐप।
आईफोरसी ने झारखंड पुलिस के प्रतिबिंब ऐप की तर्ज पर एक ऐप तैयार किया है। इस ऐप की मदद से साइबर अपराधियों का पता लगाने में आसानी होगी। जांच में पता चला कि जामताड़ा, देवघर और दुमका के ठग 300 नंबरों के जरिए देशभर में फ्रॉड कर रहे थे। आईफोरसी ने इन्हीं नंबरों की लिस्ट झारखंड पुलिस को कार्रवाई के लिए सौंपी है।
जामताड़ा: साइबर अपराध की ‘कैपिटल’
जामताड़ा साइबर ठगी का पर्याय बन चुका है। यहां के अपराधियों के कारनामों पर एक वेब सीरीज भी बन चुकी है। नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ इस सीरीज ने दिखाया कि कैसे संगठित तरीके से जामताड़ा के ठग पूरे देश में लोगों से धोखाधड़ी करते हैं। इसी वजह से जामताड़ा को साइबर क्राइम का कैपिटल ऑफ इंडिया कहा जाता है।
अब देवघर -दुमका और गिरिडीह भी चर्चा में।
जहां पहले जामताड़ा का नाम ही कुख्यात था, अब देवघर-दुमकाऔर गिरिडीह भी इस लिस्ट में जुड़ गए हैं। इन जिलों के ठग नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं।
पुलिस का दावा: जल्द होगी कार्रवाई
झारखंड पुलिस का कहना है कि इन नंबरों का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है। जिला पुलिस जल्द ही अपराधियों की पहचान करेगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।
साइबर अपराध के बढ़ते मामलों ने झारखंड पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। लेकिन आईफोरसी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से उम्मीद है कि ठगों के इस संगठित नेटवर्क को तोड़ा जा सकेगा।