
रांची: झारखंड काँग्रेस के ‘आभार समागम’ बैठक मे मुख्य फोकस अदानी मुद्दे और केंद्रीय राजनीति पर रहा । शनिवार को रांची मे आयोजित ‘आभार समागम’ बैठक में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, सुबोधकांत सहाय, अंबा प्रसाद समेत कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
नेताओं ने कहा कि इंटरनेशनल एजेंसियों की सनसनीखेज रिपोर्टों ने अदानी समूह की गतिविधियों पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को संसद में उठाया, लेकिन बीजेपी ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अदानी मामले की जांच कराने से बच रही है और इसके लिए तमाम तरीके अपनाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में बीजेपी के प्रति आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा गया कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने किया। यह दिखाता है कि बीजेपी का संविधान और लोकतंत्र के प्रति क्या रवैया है। नेताओं ने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति को गृह मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने अमित शाह से इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि 70 मिनट के भाषण के बावजूद गृह मंत्री ने अंबेडकर साहब पर किए गए अपमान का जिक्र नहीं किया। जब जवाब नहीं सूझा, तो राहुल गांधी को बदनाम करने की साजिश रची गई।
इसके साथ ही, बीजेपी के आंतरिक रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अस्पताल में आईसीयू में हैं, लेकिन बीजेपी का कोई बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं गया।
कांग्रेस नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई केवल अदानी या अंबेडकर के मुद्दे तक सीमित नहीं है, बल्कि संविधान बचाने और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग तक जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया गठबंधन’ इस मिशन को आगे भी मजबूती से जारी रखेगा।
आभार समागम के जरिए कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया और साफ कर दिया कि वह संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर लड़ने को तैयार है।