
रांची : झारखंड सरकार के गठन के साथ ही विकास की रूप रेखा अमल मे लाने की कवायद शुरू हो गयी है । झारखंड नगर विकास विभाग ने राज्य में बकाया होल्डिंग टैक्स की वसूली के लिए कमर कस ली है। प्रधान सचिव सुनील कुमार के निर्देशानुसार, CCL, BCCL, पोस्ट ऑफिस, सेल और रेलवे जैसे केंद्रीय संस्थानों से टैक्स की वसूली की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इन संस्थानों पर लगभग 200 करोड़ रुपये का होल्डिंग टैक्स बकाया है।
वसूली की प्रक्रिया होगी तेज।
राज्य सरकार ने बकाया टैक्स वसूलने के लिए सभी संबंधित निकायों को विशेष निर्देश जारी करने की तैयारी की है। जल्द ही इन केंद्रीय संस्थानों को नोटिस भेजा जाएगा ताकि राजस्व संग्रहण में तेजी लाई जा सके।
राज्य सरकार के विभाग भी घेरे में।
केवल केंद्रीय संस्थान ही नहीं, बल्कि झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों के उन भवनों से भी टैक्स वसूली शुरू की जाएगी, जहां अब तक होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर बजटीय प्रावधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, जमशेदपुर, जिसे औद्योगिक नगरी का दर्जा प्राप्त है, को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। हालांकि, राज्य के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों और प्रतिष्ठानों से होल्डिंग टैक्स की वसूली अनिवार्य होगी।
राजस्व वसूली से बढ़ेगा विकास।
राज्य सरकार का मानना है कि बकाया होल्डिंग टैक्स की वसूली से राजस्व में वृद्धि होगी, जो शहरी विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में सहायक होगा।
इस कदम से न केवल वित्तीय अनुशासन स्थापित होगा, बल्कि झारखंड के शहरी विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि यह प्रक्रिया कितनी तेजी से अमल में लाई जाती है।