
परवेज़ आलम की रिपोर्ट…….
झारखंड विधानसभा में अपराधियों का जलवा!
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन झारखंड की राजनीति का चेहरा एक बार फिर दागदार हो गया है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में, 81 में से 43 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट चीख-चीख कर ये सच बयान कर रही है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध – शर्मनाक आंकड़े
चौंकाने वाला तथ्य ये है कि पांच विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। और हद तो तब हो गई, जब एक विधायक ने खुद बलात्कार के मामले (IPC 376) को अपने हलफनामे में स्वीकार किया।
हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप – खून-खराबे की राजनीति?
हत्या के मामले: दो विधायकों ने IPC 302 के तहत हत्या के मामले घोषित किए।
हत्या के प्रयास: 19 विधायकों ने IPC 307 के तहत हत्या के प्रयास के मामले कबूले हैं।
पार्टीवार अपराधीकरण का आंकड़ा – कौन है सबसे आगे?
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM):
34 विजयी उम्मीदवारों में से 12 (35%) पर आपराधिक मामले।
9 (26%) पर गंभीर अपराध।
भारतीय जनता पार्टी (BJP):
21 विजयी उम्मीदवारों में से 13 (62%) पर आपराधिक मामले।
11 (52%) पर गंभीर अपराध।
कांग्रेस (INC):
15 में से 8 (53%) पर आपराधिक मामले।
6 (40%) पर गंभीर अपराध।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD):
4 में से 4 (100%) पर आपराधिक मामले।
तो क्या ऐसे होंगे जनता के प्रतिनिधि?
ADR की ये रिपोर्ट सिर्फ आंकड़े नहीं, एक आईना है जो दिखाता है कि राजनीति का अपराधीकरण किस हद तक बढ़ चुका है। सवाल ये उठता है कि ऐसे ‘माननीय’ क्या जनता के हितों की रक्षा करेंगे या अपने ‘आपराधिक करियर’ को आगे बढ़ाएंगे?