
परवेज़ आलम की रिपोर्ट……..
हेमंत सोरेन ने गुरुवार शाम शपथ ली और उसी वक्त से झारखंड को बदलने की दिशा में कदम बढ़ा दिए। शपथ ग्रहण के बाद जब वे प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय पहुंचे, तो यह महज औपचारिकता नहीं, बल्कि नए इरादों का ऐलान था। डेढ़-दो घंटे की बैठक में फैसले ऐसे हुए, जो न केवल झारखंड के प्रशासन को नई दिशा देंगे, बल्कि सियासत के बदलते मिजाज का भी संकेत दे गए।
स्टीफन मरांडी फिर बने प्रोटेम स्पीकर
हेमंत सोरेन ने एलान किया कि झारखंड विधानसभा का पहला सत्र 9 से 12 दिसंबर के बीच आयोजित होगा। नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी जेएमएम के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को दी गई है। यह नाम केवल एक नियुक्ति नहीं, बल्कि गठबंधन की परंपरा और पुराने भरोसे का प्रतीक है।
मंईयां सम्मान योजना: महिलाओं के लिए बड़ी राहत
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दिसंबर महीने से ₹2500 देने का निर्देश दिया। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगस्त से नवंबर तक ₹1000-1000 ट्रांसफर किए गए थे, अब यह राशि बढ़ाकर ₹2500 कर दी गई है।
केंद्र से ₹1.36 लाख करोड़ वसूली: कानूनी कार्यवाही शुरू
हेमंत सोरेन का कहना है कि झारखंड का ₹1.36 लाख करोड़ केंद्रीय सरकारी उपक्रमों पर बकाया है। इस रकम की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई शुरू की जाएगी। झारखंड जैसे राज्य के लिए यह पैसा केवल बकाया नहीं, बल्कि विकास की उम्मीद है।
खनिज टैक्स की समीक्षा और आय के नए स्रोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड, देश के सबसे पिछड़े राज्यों में है। राज्य की आर्थिक मजबूती के लिए खनन क्षेत्र में टैक्स की समीक्षा की जाएगी। अदालत में लंबित टैक्स मामलों का समाधान भी प्राथमिकता में रहेगा।
सिपाही भर्ती और परीक्षा कैलेंडर का एलान
हेमंत सोरेन ने झारखंड के युवाओं को लेकर बड़ा ऐलान किया। सिपाही भर्ती प्रक्रिया को सुधारने के साथ ही उन्होंने सभी सरकारी रिक्तियों के लिए 1 जनवरी 2025 तक परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्देश दिया।
असम के चाय बागान मजदूरों पर सर्वदलीय समिति
राज्य के आदिवासी समुदाय की दशा-दिशा पर ध्यान देते हुए, असम के चाय बागानों में मजदूरी कर रहे झारखंड के मूलवासियों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए सर्वदलीय समिति गठित करने की घोषणा की गई।
हेमंत सोरेन का यह कार्यकाल झारखंड को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने की दिशा में एक नई शुरुआत है। शपथ से लेकर पहले दिन के फैसलों तक, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि बदलाव के लिए आई है।
सोरेन के इरादे साफ हैं। फैसले तेज हैं। अब देखना यह होगा कि इस नई दिशा को प्रशासन कितना अमलीजामा पहनाता है।