
परवेज़ आलम की खास रिपोर्ट ………..
झारखंड में पुलिस-प्रशासन के अफसरों को मनचाही पोस्टिंग और ट्रांसफर का झांसा देकर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। रांची पुलिस ने इस गिरोह के पाँच शातिर सदस्यों को हिरासत में लिया था पर फिलवक्त इन आरोपियों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया है । इस गिरोह ने कई आईपीएस, डीएसपी और दारोगा को अपना शिकार बनाया है। पुलिस ने आरोपियों के व्हाट्सएप चैट और लेन-देन के सबूत खंगालने रही है।
गुप्त सूचना से हुआ खुलासा.
रांची कोतवाली थाने में दर्ज एक सनहा के आधार पर पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है । खबर थी कि यह गिरोह अधिकारियों के तबादले, पोस्टिंग और ठेका मैनेज करने का झांसा देकर बड़ी रकम वसूल रहा था। इसके बाद हिंदपीढ़ी और चुटिया थाना क्षेत्रों में दबिश देकर गिरोह के प्रमुख सदस्य सज्जाद उर्फ मुन्ना और कैप्टन सिंह सलूजा को हिरासत में लिया गया। इनसे पूछताछ के बाद जमशेदपुर के अयान सरकार, हल्दीपोखर के चंदन लाल और रांची के सूर्य प्रभात को भी गिरफ्तार किया गया।
राजनीतिक कनेक्शन से जुड़े तार।
पुलिस की पहली जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों का राजनीतिक कनेक्शन है। अयान सरकार भाजपा नेता बाबूलाल सोरेन के कारोबारी साझेदार बताए जा रहे हैं। चंदन लाल भी सोरेन के साथ मिलकर काम करता है। वहीं, सूर्य प्रभात भाजपा युवा मोर्चा का पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुका है, जबकि कैप्टन सिंह सलूजा भाजपा के एक राज्यसभा सदस्य के करीबी माने जाते हैं।
डेढ़ करोड़ की ठगी का शक।
सूत्रों के मुताबिक, गिरोह ने अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की है। हालांकि फंसने के डर से कोई भी पीड़ित अधिकारी सामने नहीं आ रहा है, जिससे पुलिस के लिए जांच को आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।
मोबाइल और चैट की जांच जारी।
पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। व्हाट्सएप चैट और कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ताकि पता चल सके कि किन-किन अधिकारियों को ठगा गया है और यह गिरोह किस तरह से काम कर रहा था।
सीआईडी जांच की संभावना।
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी से जांच कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह के खिलाफ और भी ठोस सबूत जुटाए जा सकते हैं।
आरोपियों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया।
फिलहाल हिरासत में लिए गए आरोपियों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया है, लेकिन जांच जारी है। पुलिस इस गिरोह से जुड़े हर पहलू को खंगालने में जुटी है ताकि झारखंड में ऐसी ठगी के खेल पर लगाम लगाई जा सके।
झारखंड में अधिकारियों को निशाना बनाकर चल रहे इस ठगी के खेल के भडाफोड़ ने प्रशासनिक महकमे मे खलबली मचा दी है ।