
रांची: झारखंड विधानसभा का सत्र 9 से 12 दिसंबर तक चलेगा और इस बार का सत्र कई मायनों में खास होने वाला है। पहली बार कई नए विधायक सदन में कदम रखेंगे, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार को विश्वास मत साबित करना होगा। इसके साथ ही सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। इस सत्र में नया विधानसभा अध्यक्ष भी चुना जाएगा। इस अहम सत्र से पहले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इंडिया गठबंधन की बैठक अपने आवास पर बुलाई है। बैठक में विधानसभा सत्र की तैयारी को लेकर चर्चा की जाएगी।
बैठक में क्या होगी चर्चा?
इंडिया गठबंधन की बैठक में सत्र के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंत्रियों और विधायकों को सत्र में पूरी तैयारी के साथ आने का निर्देश देंगे। दूसरी ओर, विपक्ष इस सत्र में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा।
विधानसभा सत्र की खास बातें
नए चेहरों का आगमन: इस सत्र में कई नए विधायकों की एंट्री होगी, जो विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे।
नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली: पहले सत्र में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहेगा क्योंकि भाजपा अभी इस पद के लिए कोई नाम तय नहीं कर पाई है।
नई शुरुआत: नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी इस सत्र का हिस्सा होगा।
बीजेपी कर रही हार पर मंथन
नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर भाजपा में कोई चर्चा नहीं हुई है। पार्टी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार की समीक्षा कर रही है। हारे हुए प्रत्याशियों से वन-टू-वन चर्चा कर हार के कारणों का पता लगाने की कोशिश की गई है।
सत्र का कार्यक्रम
9 दिसंबर: विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी।
10 दिसंबर: विधायकों की शपथ के साथ नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।
11 दिसंबर: राज्यपाल का अभिभाषण और द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
12 दिसंबर: राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होगी और अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी।
यह सत्र हेमंत सोरेन सरकार के लिए बेहद अहम है। एक तरफ सरकार को विश्वास मत साबित करना है, तो दूसरी तरफ अनुपूरक बजट और नए अध्यक्ष की घोषणा जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष की पैनी नजर होगी।