
झारखंड की राजनीति में नया अध्याय
झामुमो के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन का उद्घाटन सत्र
परवेज़ आलम
झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। गांडेय से विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नई कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा। यह जानकारी झामुमो के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन के दौरान सूत्रों के हवाले से सामने आई है। हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा मंगलवार को होगी ।
झामुमो के महाधिवेशन का दृश्य भावुक करने वाला रहा.
रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित दो दिवसीय महाधिवेशन का उद्घाटन 14 अप्रैल को हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर दिशोम गुरु शिबू सोरेन, जो अब 81 वर्ष के हो चुके हैं, व्हीलचेयर पर बैठकर मंच पर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी रूपी सोरेन भी थीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद अपने माता-पिता को उनके आवास से महाधिवेशन स्थल तक पहुंचाया। इस क्षण की तस्वीरें सामने आईं, जिनमें हेमंत सोरेन अपने पिता की व्हीलचेयर को संभालते नजर आए।
एक नई विरासत की शुरुआत.
.झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन अब सक्रिय राजनीति से धीरे-धीरे पीछे हट रहे हैं। ऐसे में पार्टी की बागडोर अगली पीढ़ी को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कल्पना सोरेन का कार्यकारी अध्यक्ष बनना न सिर्फ परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने वाला कदम है, बल्कि महिला नेतृत्व को भी एक नई पहचान देने वाला बदलाव माना जा रहा है।
हेमंत सोरेन का भावनात्मक संदेश.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महाधिवेशन के अवसर पर सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा:
“झारखंड ही नहीं, पूरे देश-दुनिया के लोग आदरणीय दिशोम गुरुजी को आदर-सम्मान की नजरों से देखते हैं। उनके नेतृत्व और असंख्य क्रांतिकारियों के संघर्ष के बाद हमें अलग राज्य मिला। अब हमें उस आंदोलन की जड़ों को और सींचना है, उसे जन-जन तक पहुंचाना है।”
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में भविष्य की दिशा.
महाधिवेशन में मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग झारखंड राज्य का गठन असंख्य बलिदानों के बाद हुआ है। उन्होंने याद किया कि कैसे शिबू सोरेन के नेतृत्व में हजारों लोग आंदोलन में शामिल हुए और अपनी जान गंवाई। उन्होंने यह भी कहा कि अलग राज्य बनने के बाद राज्य के विकास पर बहुत कम चर्चा हुई और इसकी कमान ऐसे हाथों में गई जो यहां के लोगों के प्रतिनिधि नहीं थे।
संगठनात्मक प्रस्ताव और भविष्य की रणनीति.
इस महाधिवेशन में पूर्व उपमुख्यमंत्री स्टीफन मरांडी ने पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें जातिगत जनगणना, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, 1932 की स्थानीय नीति और परिसीमन के विरोध को प्रमुखता दी गई। साथ ही यह भी तय किया गया कि पार्टी असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अपने संगठन का विस्तार करेगी।
भाजपा पर निशाना.
स्टीफन मरांडी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिशें रचीं, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया और उन्हें गलत आरोपों में जेल भेजा गया। इसे उन्होंने लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताया।
वक्फ अधिनियम और आदिवासी अधिकार.
महाधिवेशन में वक्फ अधिनियम संशोधन के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित किया गया। झामुमो ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताया और कहा कि इस कानून को झारखंड में लागू नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, पार्टी ने जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों और मूलवासियों के हक की बात दोहराई।
लोकसभा चुनाव की तैयारी.
महाधिवेशन में यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि पार्टी अब पंचायत से लेकर लोकसभा तक भाजपा की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। महाधिवेशन के दौरान झामुमो की सांगठनिक रिपोर्ट भी पेश की गई, जिसमें सरकार की उपलब्धियों को भी सामने रखा गया।
कल्पना मुर्मू सोरेन को JMM की कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की खबर झारखंड की राजनीति में एक नई दिशा और नई उम्मीद के तौर पर देखी जा रही है। इससे एक ओर जहां पार्टी की आंतरिक संरचना मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर राज्य की जनता में यह संदेश जाएगा कि झामुमो परिवार संघर्ष की विरासत को अब नई पीढ़ी के नेतृत्व में आगे बढ़ाने को तैयार है।