
रांची : भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और झारखंड का गौरव एमएस धोनी को उनके पुराने आवासीय प्लॉट को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। झारखंड राज्य आवास बोर्ड धोनी के हरमू रोड स्थित पुराने घर के प्लॉट पर नोटिस भेजने की तैयारी में है।
धोनी को यह प्लॉट वर्ष 2009 में झारखंड सरकार ने आवासीय उपयोग के लिए गिफ्ट किया था। लेकिन अब इस प्लॉट पर एक लैब खुलने की खबर सामने आई है। आवास बोर्ड का कहना है कि यदि आवासीय प्लॉट का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
आवासीय प्लॉट का व्यावसायिक उपयोग पर सवाल.
आवास बोर्ड के चेयरमैन संजय पासवान ने बताया कि धोनी को यह प्लॉट उनके खेल में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया था। उन्होंने कहा, “आवासीय प्लॉट का व्यावसायिक उपयोग नियमों का उल्लंघन है। हमने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
बीजेपी कार्यालय को भी मिला था नोटिस.
संजय पासवान ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब बोर्ड ने इस तरह की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, “हरमू रोड में जहां बीजेपी का प्रदेश कार्यालय है, वहां भी भूखंड के दुरुपयोग का मामला सामने आया था। उस मामले में पहले ही नोटिस दिया जा चुका है।”
धोनी का हरमू वाला घर: बीते वर्षों की कहानी.
2009 में झारखंड सरकार ने धोनी को पांच कट्ठा का यह प्लॉट गिफ्ट किया था। यहां उन्होंने शानदार घर बनवाया और कई वर्षों तक वहीं रहे। लेकिन बाद में वे रांची के सिमलिया स्थित अपने प्राइवेट फॉर्म हाउस में शिफ्ट हो गए।
क्लिनिक लैब में तब्दील हो रहा है घर.
धोनी के हरमू रोड स्थित पुराने घर में अब एक क्लिनिक लैब स्थापित की जा रही है। लंबे समय तक खाली पड़े इस मकान का उपयोग अब व्यावसायिक कार्यों के लिए किया जा रहा है। इस बात की जानकारी आवास बोर्ड को मिली, तो चेयरमैन ने इसकी जांच के आदेश दिए।
यदि जांच में यह पुष्टि होती है कि आवासीय प्लॉट का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, तो धोनी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। संजय पासवान ने संकेत दिया है कि नियमों के उल्लंघन की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एमएस धोनी के प्रशंसकों के लिए यह खबर चौंकाने वाली हो सकती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच के बाद क्या निर्णय लिया जाता है और धोनी इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।