मइयां सम्मान योजना : किस्तों के इंतजार में लाखों महिलाएं, सवालों के घेरे में प्रशासनिक प्रक्रिया

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परवेज़ आलम.

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना एक बार फिर सुर्खियों में है। अप्रैल और मई माह की किस्त का इंतजार कर रहीं लाभार्थी महिलाएं अब यह जानने को बेताब हैं कि आखिर उनके खातों में सम्मान राशि ट्रांसफर क्यों नहीं हो रही। जबकि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 13 मई को ही राज्यभर के जिलों को 9,609 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं।

तो फिर पैसा लाभुकों के खाते में क्यों नहीं  ?

सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, हर माह की 15 तारीख तक लाभुकों के बैंक खातों में सम्मान राशि भेज दी जानी चाहिए। ऐसे में स्वाभाविक सवाल उठ रहा है कि जब राशि का आवंटन समय पर हो चुका है, तो ट्रांसफर में देरी क्यों हो रही है ? जानकारी के अनुसार, अधिकांश जिलों ने 15 मई से पहले ही तकनीकी और प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली थी।

हालांकि विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि राशि केवल उन्हीं महिलाओं को दी जाए, जो इसके लिए पूरी तरह पात्र हैं। इसीलिए आधार सीडिंग और खातों का सत्यापन (cross verification) तेजी से किया जा रहा है। जिला कोषांगों का कहना है कि उन्हें राज्य मुख्यालय से ‘ग्रीन सिग्नल’ मिलने की देर है, उसके बाद राशि तुरंत ट्रांसफर कर दी जाएगी।

एक साथ दो किस्त या सिर्फ एक ? बनी हुई है अनिश्चितता.

13 मई को राशि आवंटन के समय यह उम्मीद जताई गई थी कि अप्रैल और मई – दोनों महीनों की संयुक्त किस्त (5,000 रु.) लाभुकों को दी जाएगी। मगर अब सूत्रों के मुताबिक, केवल अप्रैल माह की किस्त दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। विभागीय स्तर पर कोई स्पष्ट आदेश नहीं जारी किया गया है, जिससे स्थिति को लेकर भ्रम और भी गहरा गया है।

सबसे ज्यादा लाभुक कहां   ?

योजना के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे अधिक लाभुक गिरिडीह जिले से हैं, इसके बाद रांची, धनबाद, बोकारो और पलामू क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। हालांकि विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस बार कितने लाभार्थियों को सम्मान राशि दी जाएगी।

एक अनुमान के अनुसार, करीब 43 लाख महिलाएं इस बार सम्मान राशि पाने वाली हैं। यह संख्या पहले जारी 56.61 लाख लाभुकों की सूची से काफी कम है। जनवरी में जब पहली बार राशि ट्रांसफर की गई थी, तो बड़ी संख्या में अपात्र लाभुकों की पहचान हुई थी। इसके बाद ही लाभुकों के आधार से लिंक खातों की अनिवार्यता तय की गई।

पहले भी हो चुकी है छंटनी और संशोधन.

मार्च महीने में एक साथ जनवरी, फरवरी और मार्च की किस्त 37.55 लाख महिलाओं को भेजी गई थी। उसके बाद, जब खातों की जांच-पड़ताल पूरी हुई, तो अप्रैल में 5.52 लाख अतिरिक्त लाभुकों को राशि दी गई थी। इसका मतलब है कि विभाग द्वारा अपात्र लाभुकों की छंटनी और नए पात्र लाभार्थियों को शामिल करने की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

आगे क्या?

फिलहाल, जिला कोषांगों से लेकर लाभार्थियों तक — सबकी निगाहें राज्य मुख्यालय से मिलने वाले अंतिम निर्देश पर टिकी हैं। लेकिन अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि यह ‘ग्रीन सिग्नल’ आखिर कब मिलेगा।

इस योजना को लेकर सरकार की गंभीरता और पारदर्शिता की मंशा तो स्पष्ट है, लेकिन सूचना के अभाव और स्पष्ट संवाद की कमी ने योजना के क्रियान्वयन को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न कर दी है।
मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से एक सराहनीय पहल है, लेकिन यदि इसके वितरण में पारदर्शिता और त्वरित प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं की गई, तो यह योजना अपनी राजनीतिक और सामाजिक साख को कमजोर कर सकती है। लाभुकों का धैर्य जवाब न दे, इसके लिए ज़रूरी है कि सरकार समय रहते स्थिति स्पष्ट करे और भरोसे का माहौल बनाए रखे।

 

The News Post4u

Perwez Alam is one of the founder of The News Post4U, he brings over 4 decades of Journalism of experience, having worked with Zee News, Sadhna News, News 11, Bureau cheif of Dainik Jargarn, Govt. Accredited Crosspondent of Hindustan daily, Jansatta ect, He loves doing human intrest, political and crime related stories. Contact : 9431395522

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