
गिरिडीह : झारखंड के हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने अपनी नवजात बच्ची को बगोदर-हजारीबाग रोड पर स्थित अलपीटो गांव के एक खेत में फेंक दिया। जहां ठंड के थपेड़ों और आवारा कुत्तों के हमलों ने मासूम की जिंदगी छीन ली।
सोमवार सुबह, गांव के स्कूल के पीछे खेत में पड़े नवजात के शव को देखकर ग्रामीण सन्न रह गए। ठंड में बिना कपड़ों के, मासूम का शरीर जगह-जगह नोचा हुआ था। ग्रामीणों के मुताबिक, जब बच्ची दिखी, तब उसमें थोड़ी जान बाकी थी, लेकिन कुत्तों के हमले ने उसे बुरी तरह घायल कर दिया।
सूचना मिलते ही सीओ नित्यानंद दास और थाना प्रभारी सपन कुमार महथा मौके पर पहुंचे। बच्ची को विष्णुगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिससे यह साफ हो सके कि बच्ची को जिंदा फेंका गया था या मृत।
गांव में छाया मातम और आक्रोश।
घटना के बाद पूरे गांव में मातम और गुस्से का माहौल है। ग्रामीण उस निर्दयी मां को कोस रहे हैं, जिसने इस हाड़ कंपाती ठंड में अपने खून के टुकड़े को इस तरह मरने के लिए छोड़ दिया। भीखन रविदास, जो सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे, ने बताया, “जब हमने बच्ची को देखा, तब उसका एक हाथ कुत्ते खा चुके थे, और दूसरा बुरी तरह घायल था।”
सवाल उठाते हैं यह दर्दनाक दृश्य।
क्या मजबूरी रही होगी उस मां की, जिसने अपनी ही बच्ची को इस क्रूर अंत के लिए छोड़ दिया? समाज और प्रशासन के लिए यह घटना एक बड़ा सवाल है। क्या ऐसी निर्दयी घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठाए जाएंगे, या यह सिर्फ एक और मामला बनकर फाइलों में दब जाएगा?