
झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी सदस्य और एक करोड़ के इनामी माओवादी नेता विवेक के दस्ते में शामिल पति-पत्नी को गिरिडीह पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए नक्सलियों की पहचान तालेश्वर हांसदा उर्फ सेरमा और उनकी पत्नी मालती मुर्मू उर्फ गुड़ी उर्फ गुड़िया के रूप में हुई है। तालेश्वर गिरिडीह के जमुआ थाना क्षेत्र के गणियाडीह और मालती मधुबन थाना क्षेत्र के टेसाफुली की रहने वाली है।
जंगली क्षेत्र में छापेमारी से गिरफ्तारी.
गिरफ्तारी की पुष्टि गिरिडीह के एएसपी अभियान सुरजीत कुमार ने की है। उन्होंने बताया कि गिरिडीह एसपी डॉ. बिमल कुमार को सूचना मिली थी कि टेसाफुली के जंगली पहाड़ी इलाके में माओवादी दस्ते की गतिविधियां देखी गई हैं। इसके बाद एसपी और सीआरपीएफ 154 बटालियन के कमांडेंट के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम में एएसपी अभियान, सीआरपीएफ के सेकंड कमान अधिकारी, एसडीपीओ डुमरी, और डुमरी, पीरटांड व मधुबन के थाना प्रभारियों को शामिल किया गया। छापेमारी के दौरान नक्सली दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से 9 एमएम पिस्टल और गोलियां बरामद की गईं।
प्रमुख नक्सली दस्ते से जुड़ाव।
पूछताछ के दौरान दंपती ने स्वीकार किया कि वे प्रतिबंधित नक्सली संगठन के बड़े नेता प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ करण दा के दस्ते के सक्रिय सदस्य थे। एएसपी अभियान ने बताया कि दंपती से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अभियान में सुरक्षाबलों की प्रभावी भूमिका।
इस सफल अभियान में एएसपी अभियान सुरजीत कुमार, सीआरपीएफ के सेकेंड कमान अधिकारी दलजीत सिंह भाटी, एसडीपीओ डुमरी सुमित प्रसाद, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट मनोज कुमार यादव, मधुबन थाना प्रभारी जगन्नाथ पान, पीरटांड थाना प्रभारी दीपेश कुमार, महिला चौकीदार मैनवा देवी, और सशस्त्र बलों की टीम ने हिस्सा लिया।
पुलिस की उपलब्धि।
इस गिरफ्तारी को पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। माओवादी संगठन के खिलाफ चल रहे अभियान में यह कार्रवाई सुरक्षाबलों के आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी। पूछताछ में मिली जानकारियां संगठन के अन्य सदस्यों और गतिविधियों पर चोट पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती हैं।
झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में इस तरह के अभियानों से पुलिस और सीआरपीएफ का ऑपरेशन माओवादियों के लिए लगातार चुनौती बनता जा रहा है।