
By -Perwez Alam
RANCHI: झारखंड की राजनीति में सस्पेंस खत्म हुआ! आखिरकार कांग्रेस ने विधायक दल के नेता और उपनेता के नामों पर मोहर लगा दी है। पोड़याहाट से छठी बार विधायक बने प्रदीप यादव को कांग्रेस विधायक दल नेता चुना गया है, और खिजरी से लगातार दूसरी बार विधायक बने राजेश कच्छप को उपनेता की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने विधानसभा स्पीकर रबींद्रनाथ महतो को एक सीलबंद लिफाफे में इन नामों की सूचना दी। वहीं, दूसरी तरफ झामुमो ने भी बड़ा फैसला लेते हुए टुंडी से चार बार के विधायक मथुरा प्रसाद महतो को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी सौंप दी है।
प्रदीप यादव: सियासत का पुराना खिलाड़ी.
प्रदीप यादव की बात करें तो पोड़याहाट की जनता ने उन्हें लगातार छह बार विधानसभा पहुंचाया है। वो कभी बीजेपी का चेहरा रहे, फिर झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीते, और अब कांग्रेस के नेता के रूप में पहचान बना रहे हैं। उनकी इस राजनीतिक यात्रा ने उन्हें एक अनुभवी और कद्दावर नेता बना दिया है।
राजेश कच्छप: युवा और ऊर्जावान चेहरा.
राजेश कच्छप, जो खिजरी से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं, कांग्रेस के लिए एक युवा और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। उनकी नियुक्ति यह संकेत देती है कि कांग्रेस युवा नेताओं को आगे लाने का मन बना चुकी है।
झामुमो का दांव: मथुरा प्रसाद महतो बने मुख्य सचेतक
अब बात झामुमो की। टुंडी से चार बार के विधायक मथुरा प्रसाद महतो को पार्टी ने मुख्य सचेतक बना दिया है। दिलचस्प बात यह है कि मथुरा महतो का नाम पहले कैबिनेट मंत्री पद के लिए चर्चा में था, लेकिन पार्टी ने इस जिम्मेदारी के लिए गोमिया के विधायक योगेंद्र महतो को चुना। योगेंद्र महतो को पेयजल और मध निषेध विभाग सौंपा गया है।
सियासत का गणित और गठबंधन का संतुलन
झारखंड की राजनीति में कांग्रेस और झामुमो गठबंधन का संतुलन बनाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन इन नियुक्तियों से दोनों दलों ने अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं। प्रदीप यादव का अनुभव, राजेश कच्छप की ऊर्जा और मथुरा महतो की लोकप्रियता, सब कुछ अगले चुनाव की रणनीति का हिस्सा है
झारखंड की सियासत गर्म है और यह तो तय है कि आने वाले दिन और भी दिलचस्प होंगे।