प्रति यूनिट बिजली दर को 6.65 रुपये से बढ़ाकर 9.25 रुपये करने का प्रस्ताव

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रिपोर्ट: रांची से …….

झारखंड में बिजली वितरण निगम ने सोमवार को ऐसा प्रस्ताव पेश किया, जिसने आम उपभोक्ताओं के लिए  चिंता और जेबों में झटका पैदा कर दिया। राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष नई टैरिफ याचिका मेंसुझाव दिया गया है। यानी, बिजली की कीमत में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव।

निगम का गणित: घाटा या बहाना?
बिजली वितरण निगम का दावा है कि इस वृद्धि का कारण 13,000 करोड़ रुपये का वार्षिक रिसोर्स गैप है। यानी, बिजली की खरीद में खर्च और वसूले गए राजस्व के बीच इतना बड़ा अंतर। लेकिन सवाल है कि इस अंतर का भार हर बार उपभोक्ताओं पर ही क्यों डाल दिया जाता है?

महाप्रबंधक (वाणिज्य) संजय सिंह का कहना है कि “रिसोर्स गैप की भरपाई के लिए दरों में संशोधन जरूरी है।”

क्या है उपभोक्ताओं की स्थिति?
राज्य में करीब 54 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। निगम का प्रस्ताव कहता है कि 200 यूनिट मासिक खपत तक फ्री बिजली और 200-400 यूनिट पर सब्सिडी जारी रहेगी। लेकिन यह राहत कितने लोगों को मिल पाएगी, यह देखना होगा।
गिरिडीह  के एक छोटे दुकानदार, च्नदन साव , का कहना है, “बिजली दर पहले ही हमारे मुनाफे को खत्म कर रही है। अब इतनी बढ़ोतरी हुई तो बिजनेस चलाना मुश्किल हो जाएगा।”

नियामक आयोग: क्या जनता की सुनेगा?
विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव पर फैसला लेने से पहले प्रमंडलवार जनसुनवाई करने की बात कही है। धनबाद, देवघर, डालटनगंज, और रांची में उपभोक्ताओं के विचार सुने जाएंगे। लेकिन सितंबर में जब निगम का 30.89 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव खारिज हुआ था, तब आयोग ने साफ कहा था कि “दर बढ़ाने का कोई कारण नहीं है।” तो सवाल है कि क्या अब अचानक हालात इतने बदल गए हैं कि दर में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी जरूरी हो गई?

बढ़ोतरी का असर: आम आदमी से लेकर उद्योग तक
बिजली दर में वृद्धि न केवल आम उपभोक्ताओं की जेब पर असर डालेगी, बल्कि उद्योगों और व्यापारियों को भी मुश्किल में डालेगी। राज्य के छोटे और मझोले उद्योगों के लिए यह झटका भारी साबित हो सकता है।

बड़ा सवाल: समाधान क्या है?
क्या निगम अपनी वित्तीय खामियों को सुधारने की कोशिश करेगा?
क्या जनता को बिना आर्थिक दबाव डाले घाटे की भरपाई का कोई विकल्प ढूंढा जाएगा?
बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव केवल एक आंकड़ा नहीं है, यह आम आदमी के लिए रोजमर्रा की जरूरत पर सीधा प्रहार है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नियामक आयोग जनसुनवाई के बाद जनता के पक्ष में खड़ा होता है या निगम के घाटे को जनता की जेब से भरने की छूट देता है।

(झारखंड में बिजली दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव और उससे उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों पर आधारित रिपोर्ट।)

The News Post4u

Perwez Alam is one of the founder of The News Post4U, he brings over 4 decades of Journalism of experience, having worked with Zee News, Sadhna News, News 11, Bureau cheif of Dainik Jargarn, Govt. Accredited Crosspondent of Hindustan daily, Jansatta ect, He loves doing human intrest, political and crime related stories. Contact : 9431395522

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