
झारखंड में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सख्त निर्देशों के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 2025 की पहली बड़ी सफलता हासिल की। गुरुवार को एसीबी की टीम ने रांची सदर अंचल के सीओ, मुंशी राम, को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
क्या था मामला?
जमीन से जुड़े एक काम के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी। शिकायतकर्ता ने एसीबी को इसकी जानकारी दी। फिर क्या था? टीम ने पूरी प्लानिंग के साथ जाल बिछाया और भ्रष्ट अधिकारी को धर दबोचा।
पुरानी शिकायतें भी आईं सामने
यह पहली बार नहीं है जब इस अंचल में भ्रष्टाचार की शिकायतें आई हैं। जमीन की रसीद से लेकर दाखिल-खारिज तक के मामलों में बड़े पैमाने पर घूसखोरी की खबरें आती रही हैं। अधिकारियों पर आरोप है कि बिना पैसे के कोई काम नहीं होता।
मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस गिरफ्तारी से यह संदेश साफ हो गया है कि अब लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।]
“देखिए, ये मुंशी राम को लगा कि जमीन का मामला है, पैसों से दबा देंगे, लेकिन एसीबी ने ऐसा दबोचा कि अब रिश्वत का हिसाब जेल में करना पड़ेगा।”
झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस सख्त एक्शन से जनता को न्याय की उम्मीद जगी है। क्या रिश्वतखोरी की ये गाथा यहीं खत्म होगी, या फिर कुछ और खुलासे होंगे?