
गिरिडीह में उसरी महोत्सव को लेकर सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत महोत्सव स्थल, उसरी नदी का निरीक्षण कर हुई, जहां दर्जनों लोगों ने कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया।
समीक्षा बैठक में बड़े निर्णय।
उसरी बचाओ अभियान के संयोजक राजेश सिन्हा ने घोषणा की कि 12 जनवरी, रविवार को शास्त्री नगर स्थित उसरी घाट से जेपी चौक तक एक जागरूकता पदयात्रा निकाली जाएगी। इस पदयात्रा में सैकड़ों लोग हिस्सा लेंगे। बैठक में विनय सिंह, आलोक मिश्रा और बासुदेव राम समेत कोर कमिटी के सदस्यों ने तीन दिवसीय महोत्सव के आयोजन पर विस्तार से चर्चा की।
संयोजक राजेश सिन्हा ने बताया कि 17, 18 और 19 जनवरी को शास्त्री नगर स्थित अमित बरदियार छठ घाट पर उसरी महोत्सव आयोजित किया जाएगा। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा, “जलस्रोत समाप्त हो रहे हैं, और इसे बचाने के लिए लोगों की निष्क्रियता को समाप्त करना जरूरी है।”
महोत्सव की झलकियां।
महोत्सव सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा खेलकूद, क्विज़, पेंटिंग, भाषण प्रतियोगिता, मेहंदी, तैराकी, क्रिकेट, फुटबॉल, डांस, नाटक, कव्वाली, भजन, ग़ज़ल, कवि सम्मेलन और मुशायरा जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। महोत्सव में हजारों छात्रों के भाग लेने की संभावना है।
विशेष अतिथि और जन सहभागिता।
महोत्सव का उद्घाटन नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू करेंगे। इसके अलावा, गिरिडीह के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, नगर आयुक्त, और डीडीसी सहित प्रशासनिक अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। सभी राजनीतिक दलों के नेता और सामाजिक संगठनों को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है।
नुक्कड़ नाटक और प्रचार से बढ़ेगी जागरूकता।
पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटकों और प्रचार अभियानों को प्राथमिकता दी जा रही है। कार्यक्रम स्थल पर भी गुरुवार को समीक्षा की जाएगी।
उसरी बचाओ अभियान के सपने।
उसरी बचाओ अभियान के योगेश मलिक और एकराम ने बताया कि पिछले दस वर्षों के प्रयासों के बाद अब सकारात्मक बदलाव दिखने लगे हैं। छिलका डैम के निर्माण और नदी में नाले के पानी को फिल्टर करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
कोर ग्रुप की भूमिका।
कोर ग्रुप के बबलू सानू ने बताया कि ग्रुप में 60 सक्रिय सदस्य हैं, जबकि सलाहकार कमिटी में 100 और उसरी बचाओ अभियान में हजारों लोग जुड़े हुए हैं।
इस महोत्सव में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई उम्मीद की किरण नजर आ रही है। जनसहभागिता और जागरूकता के माध्यम से इस अभियान को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।