
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता का खुलासा, लाखों रुपये निजी खर्च में उड़ाए
झारखंड के हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय (विभावि) में वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया है। राज्य के वित्त विभाग द्वारा की गई जांच में यह पता चला कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रहित के लिए निर्धारित लाखों रुपये अपनी विलासिता पर खर्च कर दिए।
कैसे हुआ खुलासा?
जांच रिपोर्ट के अनुसार, विवि अधिकारियों ने 8 लाख रुपये काजू और किसमिस पर खर्च कर दिए, जबकि इस मद में वार्षिक खर्च की सीमा मात्र 15 हजार रुपये थी। इसके अलावा, 2 लाख रुपये चाय, पानी और नाश्ते पर भी खर्च किए गए।
छात्रों की शिकायत से शुरू हुई जांच
यह वित्तीय गड़बड़ी जून 2020 से मई 2023 के बीच की बताई जा रही है, जब डॉ. मुकुल नारायण देव विश्वविद्यालय के कुलपति थे। उनके कार्यकाल के दौरान कार्यालय, VC आवास और उनके निजी वाहन पर जरूरत से ज्यादा खर्च किए गए। छात्रों ने इस संबंध में राजभवन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद वित्त विभाग को जांच के आदेश दिए गए।
जांच रिपोर्ट में और क्या सामने आया?
वित्त विभाग के अंकेक्षण निदेशालय की रिपोर्ट में पाया गया कि अधिकारियों ने फर्नीचर, रंग-रोगन और ईंधन की खरीदारी के नाम पर भी लाखों रुपये की गड़बड़ी की। इसके अलावा, सामान और उपकरणों की खरीद दिखाकर भी राशि का दुरुपयोग किया गया।
कार्रवाई के निर्देश
निदेशालय ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को आदेश दिया है कि एक माह के भीतर गबन की गई राशि की वसूली की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।