
गिरिडीह में चल रहे 90 दिवसीय जागरूकता एवं आउटरीच कार्यक्रम के दौरान एक मानवीय पहल की, जिसने यह साबित कर दिया कि सामाजिक जिम्मेदारी के तहत मदद हमेशा सबसे पहले आती है।
क्या है पूरा मामला?
गिरिडीह जिले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार अरविंद कुमार पांडेय के नेतृत्व में 90 दिवसीय जागरूकता एवं आउटरीच कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत डोर-टू-डोर कार्यक्रम और विधिक सहायता केंद्रों में लगातार जागरूकता फैलाने का काम हो रहा है।
वृद्ध की तबीयत बिगड़ी, मिला तुरंत इलाज
इस अभियान के दौरान स्नेह दीप वृद्धाश्रम गिरिडीह में रह रहे सुरेंद्र सिंह, जिनका मूल निवास औरंगाबाद के भवानीपुर गांव में है, अचानक बीमार पड़ गए। डोर-टू-डोर टीम को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने त्वरित कार्रवाई शुरू की। टीम ने डॉ. शिव प्रसाद मिश्रा सिविल सर्जन गिरिडीह, से संपर्क किया। सिविल सर्जन के निर्देश पर एंबुलेंस तुरंत वृद्धाश्रम पहुंचाई गई।
पीएलवी (पैरा लीगल वालंटियर) श्रीमती रंजना सिन्हा और श्रीमती उषा कुमारी ने बीमार सुरेंद्र सिंह को एंबुलेंस के माध्यम से सदर अस्पताल गिरिडीह पहुंचाया।
इलाज में सहयोग देने वाले श्रीमती सीमा देवी, गुफरान आलम, मुकेश कुमार वर्मा का योगदान सराहनीय रहा।
मानवीयता का उत्कृष्ट उदाहरण
यह घटना न केवल जागरूकता अभियान की सफलता को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जब संस्थाएं और लोग मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी समस्या का समाधान तुरंत किया जा सकता है।