सुप्रियो ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झारखंड में घूम-घूमकर हर बार की तरह इस बार भी हिंदू धर्म का राग अलाप रहे हैं। उनके मुताबिक, योगी ने प्रचार में कहा कि “अयोध्या, मथुरा और काशी में हिंदू बंटे तो नुकसान हुआ, लेकिन जब एक हुए तो फायदा मिला। इसलिए एक रहना है और सेफ रहना है।”
सुप्रियो का सवाल:
“क्या 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद ही हिंदू धर्म खतरे में आ गया? उससे पहले तो कभी ये बात सुनने में नहीं आई। क्या ये केवल चुनावी हथकंडा है?”
‘घुसपैठ’ पर BJP को घेरा:
2024 आते-आते ‘घुसपैठ’ का नया शब्द चर्चा में आया। सुप्रियो ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह खुद मानते हैं कि घुसपैठ हुई है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को स्वीकारा। तो अगर घुसपैठ हो रही है, तो गृह मंत्री अपने पद पर क्यों टिके हुए हैं? उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”
सुप्रियो का तंज:
“2014 से पहले घुसपैठ पर कोई चर्चा नहीं होती थी। अब इसे चुनावी हथियार बना लिया गया है। सवाल है कि जो जिम्मेदार हैं, वे अपनी जिम्मेदारी कब लेंगे?”
तो चुनावी रणभूमि में मुद्दे क्या हैं? धर्म, सुरक्षा और ‘घुसपैठ’ की चर्चा के बीच जनता से जुड़ी असली बातें कहां गायब हो गईं?