
RANCHI: झारखंड हाईकोर्ट में आज JPSC अध्यक्ष की नियुक्ति से संबंधित रिट याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस एस.एन. पाठक की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की गंभीरता पर जोर दिया। याचिका के माध्यम से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि 22 अगस्त से JPSC अध्यक्ष का पद खाली है, जिससे परीक्षाओं और उनकी प्रक्रियाओं में देरी हो रही है।
“हजारों छात्रों का भविष्य अधर में”
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि JPSC अध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। कोर्ट ने सरकार और JPSC के वकीलों से तुरंत इस समस्या का समाधान निकालने और अध्यक्ष की नियुक्ति के आदेश दिए।
“पद खाली क्यों, जब अन्य भरे जा रहे हैं?”
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा, “जब DGP और अन्य महत्वपूर्ण पदों की नियुक्ति तुरंत हो रही है, तो JPSC अध्यक्ष का पद अब तक खाली क्यों है?” कोर्ट ने इस देरी को अनुचित ठहराते हुए कहा कि यह न केवल पॉलिसी का मामला है, बल्कि हजारों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ भी है।
हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि एक पॉपुलर गवर्नमेंट होने के बावजूद, इस तरह की देरी सवाल खड़े करती है। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करे।
इस सुनवाई के बाद JPSC और सरकार पर दबाव बढ़ गया है, और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि नियुक्ति प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी होती है।