
धनबाद, झारखंड : शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे शुरू हुई इस व्यापक कार्रवाई में एटीएस ने धनबाद के वासेपुर, भूली और अन्य इलाकों में 20 से अधिक स्थानों पर दबिश दी। इस अभियान में एक दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है हालांकि गिरफ़्तरी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से दो पिस्टल, 12 जिंदा कारतूस, कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े दस्तावेज और कट्टरपंथी साहित्य बरामद हुआ। इसके अलावा, करीब एक दर्जन संदिग्धों को भी हिरासत में लेकर अलग-अलग थानों में पूछताछ के लिए रखा गया है।
युवाओं को बहकाने की साजिश.
सूत्रों के मुताबिक, एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि HTU, AQIS और ISIS जैसे संगठन झारखंड के युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे हैं और उन्हें अपने नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को हवा देने की इस साजिश का भंडाफोड़ करने के लिए धनबाद पुलिस के सहयोग से विशेष टीमें गठित कर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई।
डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर नौशाद आलम के नेतृत्व में बैंकमोड़ थाना प्रभारी प्रवीण कुमार समेत कई थानों के अधिकारी इस अभियान में शामिल रहे।
किराए के मकान में चल रही थी संदिग्ध गतिविधियाँ.
भूली के शमशेर नगर में पकड़े गए दंपति जनवरी महीने से किराए पर रह रहे थे। मोहल्ले के लोगों को उन्होंने आधार कार्ड बनाने का काम करने वाला बताया था, लेकिन स्थानीय लोगों से उनका खास मेलजोल नहीं था। एटीएस की छापेमारी में उनके घर से बड़ी संख्या में प्रतिबंधित किताबें और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए।
भागते हुये दोनों पकड़े गए.
जब एटीएस ने वासेपुर और अमन सोसाइटी में दबिश दी तो हसन और जावेद घर से फरार हो गए। दोनों ने एक स्कूटी से तोपचांची की ओर भागने की कोशिश की। लेकिन जीटी रोड सिक्स लेन ब्रह्मांडीहा फ्लाईओवर के पास एटीएस की टीम ने दोनों को धर दबोचा। तलाशी के दौरान दोनों के पास से हथियार, कारतूस, डायरी, नक्शा और मोबाइल फोन बरामद किए गए।
सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म.
एटीएस की कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर शुरू हो गया। किसी ने आतंकियों के पकड़े जाने की बात लिखी, तो किसी ने धर्म और जाति को लेकर भ्रामक जानकारियां वायरल कीं। हालांकि, एटीएस और स्थानीय पुलिस ने इस पूरे मामले पर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।
सभी गिरफ्तार आरोपी 20-21 वर्ष के.
गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की उम्र महज 20-21 वर्ष है। हसन और जावेद की उम्र 21 वर्ष है। माना जा रहा है कि आतंकी संगठन जानबूझकर कम उम्र के युवाओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं ताकि उन्हें आसानी से कट्टरपंथी विचारधारा में ढाला जा सके।
पहली बार धनबाद में ऐसी बड़ी गिरफ्तारी.
गौरतलब है कि भारत सरकार ने अक्टूबर 2024 में HTU, AQIS और ISIS जैसे संगठनों को प्रतिबंधित किया था। इसके बाद धनबाद में इनसे जुड़े लोगों की यह पहली बड़ी गिरफ्तारी है। सभी गिरफ्तार युवक धनबाद जिले के ही निवासी हैं।
सीओ कार्यालय के कर्मचारी पर भी जांच.
एटीएस ने जिन दर्जनभर लोगों को उठाया है, उनमें से एक स्थानीय सीओ कार्यालय का आउटसोर्स कर्मचारी भी बताया जा रहा है। फिलहाल, सभी संदिग्धों से गहन पूछताछ जारी है और उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के बाद इस पूरे नेटवर्क के बारे में और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।