
परवेज़ आलम
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन गिरिडीह में होली के दौरान हुई हिंसा का मामला गरमा गया। इस मुद्दे पर विपक्षी दल भाजपा ने जमकर हंगामा किया और सरकार पर निष्पक्ष कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। भाजपा विधायकों की मांग और हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दुबारा सदन शुरू हुआ तो मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सरकार का पक्ष मजबूती से रखते हुये कहा कि प्रशासन ने इस पूरे मामले में संयम से काम लिया और स्थिति को बिगड़ने से रोका। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस मामले को एकतरफा तरीके से पेश कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस की भूमिका पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा में गिरिडीह हिंसा का मामला उठाया और कहा कि धनवार थाना क्षेत्र के घोड़थंभा में होली खेलने वाली युवाओं की टोली को पुलिस ने जबरन रोका। इसके बाद एक समुदाय के लोगों ने पेट्रोल बम, बोतलों और पत्थरों से हमला कर दिया। इस हिंसा में कई दुकानों और गाड़ियों में आग लगा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बनी रही और बाद में कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों से 40-40 लोगों को नामजद कर 11-11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मरांडी ने इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए कानून-व्यवस्था पर विशेष चर्चा की मांग की।
सत्तापक्ष का जवाब और विपक्ष का विरोध
संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि गिरिडीह हिंसा पर चर्चा गृह विभाग की अनुदान मांगों के दौरान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति करना उचित नहीं है और सभी को संवेदनशीलता के साथ इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि जहां एक ओर इस हिंसा की निंदा होनी चाहिए, वहीं उन क्षेत्रों की सराहना भी की जानी चाहिए जहां हिंदू-मुस्लिम समुदायों ने मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से होली मनाई। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे लोगों को विधानसभा से बधाई संदेश भेजा जाए, ताकि समाज में भाईचारे का संदेश जाए।
भाजपा का हंगामा, कार्यवाही बाधित
भाजपा विधायकों ने तुरंत चर्चा की मांग को लेकर सदन में हंगामा जारी रखा और वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। हंगामे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित हो गई और विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
मंत्री इरफान अंसारी का भाजपा पर हमला
गिरिडीह हिंसा पर जारी सियासी घमासान विधानसभा परिसर के बाहर भी जारी रहा। मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वे इस घटना का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास गिरिडीह जाकर माहौल भड़काने का काम कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।
मंत्री अंसारी ने चेतावनी दी कि भाजपा नेताओं को झारखंड का माहौल बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा और राज्य सरकार कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने भाजपा नेताओं के दबाव में आकर मुकदमा दर्ज किया है और वे इस मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने उठाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी लोग दोषी हैं उन पर कार्रवाई होगी, भाईचारगी किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दी जाएगी. गिरिडीह में माहौल बदल रहा है लगातार पुलिस प्रशासन के द्वारा नजर रखी जा रही है. दोनों पक्षों के लोग शांति चाहते हैं इसीलिए किसी को भी माहौल बिगड़ता की इजाजत नहीं दी जाएगी.
सरकार और प्रशासन का पक्ष
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि प्रशासन ने इस पूरे मामले में संयम से काम लिया और स्थिति को बिगड़ने से रोका। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस मामले को एकतरफा तरीके से पेश कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि होली जुलूस में ऐसे कौन लोग शामिल थे जो पुलिस से हाथापाई कर रहे थे? उन्होंने प्रशासन की भूमिका को संतुलित बताते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
राजनीतिक उथल-पुथल जारी
गिरिडीह हिंसा का मामला अब झारखंड की राजनीति में गर्माया हुआ है। एक तरफ भाजपा इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है, तो दूसरी ओर सरकार विपक्ष पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगा रही है। गिरिडीह में स्थिति सामान्य करने के लिए प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है, लेकिन इस घटना से उपजा राजनीतिक विवाद फिलहाल थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।