
राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा और नवाचार को नया आयाम देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अगले पांच वर्षों में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में होने वाले शोध और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार 47 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह राशि सरकारी और निजी दोनों संस्थानों को अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी, जिससे अनुसंधान और नवाचार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति संभव हो सकेगी।
सरकारी और निजी संस्थानों को मिलेगा लाभ
सरकार की इस योजना के तहत न केवल सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को बल्कि निजी विश्वविद्यालयों और संबद्धता प्राप्त कॉलेजों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। प्रस्तावित झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी-2025 में इसका स्पष्ट प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस नीति पर जनता और शैक्षणिक संस्थानों से एक मार्च तक सुझाव मांगे हैं। प्रस्ताव के अनुसार, सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को शोध एवं नवाचार के लिए शत-प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में मिलेगी। वहीं, निजी विश्वविद्यालयों को कुल बजट का 75 प्रतिशत सरकार देगी, जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि संबंधित संस्थानों को स्वयं निवेश करनी होगी।
शोध और नवाचार के लिए विशेष केंद्रों की स्थापना
इस नीति के तहत राज्यभर में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टेट रिसर्च पार्क और स्टेट इनोवेशन पार्क की स्थापना का प्रस्ताव भी किया गया है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के संकाय सदस्यों के प्रशिक्षण हेतु झारखंड फैकल्टी डेवलपमेंट अकादमी की स्थापना की जाएगी। ये सभी केंद्र अगले वित्तीय वर्ष में अस्तित्व में आ जाएंगे।
पॉलिटेक्निक संस्थानों में इनोवेशन हब
राज्य सरकार सभी पॉलिटेक्निक संस्थानों में इनोवेशन हब स्थापित करने जा रही है, जिसका उद्देश्य छात्रों को उद्योग जगत से संबंधित आधुनिक कौशल से लैस करना होगा। यह हब झारखंड विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस एंड म्यूजियम (NCSM) द्वारा बनाई जाएगी।
तकनीकी छात्रों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
इस इनोवेशन हब में विभिन्न स्ट्रीम के छात्रों के लिए आधुनिक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी:
- कंप्यूटर साइंस के छात्रों के लिए इनोवेशन रिसोर्स सेंटर
- थ्री डी प्रिंटर और लेजर कटिंग मशीन से सुसज्जित डिजाइन स्टूडियो
- इलेक्ट्रिकल और ईएंडसी केंद्रित लैब
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) लैब, जो इलेक्ट्रॉनिक्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए विशेष रूप से विकसित की जाएगी।
शोध और स्टार्टअप को मिलेगा नया आयाम
सरकार की यह पहल झारखंड में उच्च शिक्षा और शोध को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल छात्रों को नई तकनीकों से अवगत होने का अवसर मिलेगा, बल्कि प्रदेश में स्टार्टअप कल्चर को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति राज्य को इनोवेशन और उद्यमिता के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होगी।