
BJP पर साधा निशाना
परवेज़ आलम.
झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने साफ़ तौर पर ऐलान किया है कि झारखंड में वक्फ संशोधित कानून लागू नहीं किया जाएगा। बुधवार को रांची स्थित हज हाउस में आयोजित हज प्रशिक्षण शिविर के दौरान मंत्री ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की एक कोशिश है, जिसे भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से संसद से पारित कराया है।
हफीजुल हसन ने इस मौके पर कहा, “यह कानून मुसलमानों को परेशान करने के इरादे से लाया गया है। लेकिन झारखंड में इसे हम लागू नहीं होने देंगे।”
हज यात्रा की तैयारियों की समीक्षा.
हज यात्रा पर रवाना होने वाले झारखंड के आज़मीन-ए-हज के लिए बुधवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें रांची, खूंटी और सिमडेगा जिलों से आए कुल 248 हज यात्रियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य हज कमेटी के चेयरमैन डॉ. इरफान अंसारी भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि सरकार हज यात्रियों को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराएगी।
“झारखंड से लेकर मक्का-मदीना तक, सरकार हर मोड़ पर ज़ायरीनों के साथ खड़ी रहेगी,” – डॉ. इरफान अंसारी ने कहा। उन्होंने हज यात्रियों से देश में अमन, चैन और भाईचारे की दुआ करने की अपील भी की।
संसद से पारित हुआ वक्फ संशोधन कानून, देशभर में हो रहा विरोध.
हाल ही में संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया, जिस पर राष्ट्रपति की मंज़ूरी भी मिल चुकी है। यानी यह विधेयक अब कानून बन चुका है। इस कानून के खिलाफ देशभर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता पर हमला है और इससे अल्पसंख्यकों के अधिकारों में कटौती होगी।
इस साल हज यात्रा पर 1301 जायरीन जाएंगे, रांची से नहीं मिलेगी सीधी उड़ान.
राज्य हज कमेटी के कार्यपालक पदाधिकारी आफताब अहमद ने जानकारी दी कि इस साल झारखंड से कुल 1301 हज यात्री मक्का-मदीना के लिए रवाना होंगे। हालांकि, इस बार भी रांची से कोई सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध नहीं होगी। हज यात्रियों को पहले कोलकाता जाना होगा, और वहां से वे जेद्दा के लिए उड़ान भरेंगे।
हज यात्रा पर खर्च और सुविधाएं.
इस साल एक हज यात्री को लगभग ₹3.58 लाख खर्च करना होगा। इसके अतिरिक्त, कुर्बानी के लिए अलग से राशि देनी होगी। हज यात्रियों की सहायता के लिए 9 स्टेट हज इंस्पेक्टर नियुक्त किए गए हैं, जिनमें एक महिला इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।
हज प्रशिक्षण शिविर में यात्रियों को हज से जुड़ी प्रक्रियाएं, नियमावली, स्वास्थ्य संबंधी उपायों और यात्रा से जुड़े तमाम जरूरी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी गई। शिविर का उद्देश्य हज यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सरल बनाना है।
झारखंड सरकार ने वक्फ संशोधन कानून को राज्य में लागू न करने का ऐलान करके अल्पसंख्यक समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, हज यात्रा की तैयारियों से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार धार्मिक यात्राओं में सहभागी जनता के लिए गंभीर प्रयास कर रही है, चाहे वह सुविधाओं की बात हो या मार्गदर्शन की।