
वसूली और जबरन भर्ती की साजिश में थे शामिल.
By The News Post4u
रांची :झारखंड में नक्सली गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने वसूली, धमकी और नक्सली संगठन में जबरन भर्ती कराने जैसे गंभीर आरोपों में तीन माओवादियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र (Supplementary Chargesheet) दाखिल किया है। यह चार्जशीट रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश की गई।
चार्जशीट के अनुसार, आरोपितों में कृष्णा हांसदा उर्फ सौरव दा उर्फ अविनाश दा, अभिजीत कोरा उर्फ मतला कोरा उर्फ सुनील कोरा, और रामदयाल महतो उर्फ नीलेश दा उर्फ बच्चन दा शामिल हैं। ये सभी वर्ष 2023 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की ओर से रची गई आतंकवादी साजिश में शामिल थे।
आरोपितों की भूमिका:
- कृष्णा हांसदा — भाकपा (माओवादी) की क्षेत्रीय समिति का सदस्य था।
- अभिजीत कोरा — संगठन के सशस्त्र कैडर में शामिल था और बिहार का निवासी है।
- रामदयाल महतो — विशेष क्षेत्रीय समिति का सदस्य था और झारखंड का निवासी है।
एनआईए की जांच में सामने आया कि तीनों अभियुक्त गिरिडीह जिले के पारसनाथ इलाके में संगठन की ओर से चल रही अवैध वसूली, धमकी और युवाओं को जबरन माओवादी संगठन में भर्ती करने की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे। यह इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है।
गिरफ्तारी और जब्ती:
जनवरी 2023 में गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत लुसियो जंगल से कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने उसके पास से जबरन वसूली से संबंधित नकदी, 7.65 मिमी की एक पिस्तौल और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए थे। प्रारंभिक कार्रवाई के तहत स्थानीय पुलिस ने हांसदा, कोरा, महतो और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
एनआईए की जांच:
इस मामले को जून 2023 में एनआईए ने अपने हाथ में लेते हुए पुनः पंजीकृत किया और विस्तृत जांच शुरू की। अब तक की जांच में तीनों अभियुक्तों की भूमिकाओं को पुख्ता मानते हुए यह पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
एनआईए के अनुसार, यह केस सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं बल्कि एक संगठित और सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य में भय और अस्थिरता फैलाना था।