
सैनिक और उनके भाई की पिटाई और जेल भेजने के मामले में एक्शन ,
जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र में 14 मार्च को बागबेड़ा डीबी रोड निवासी सैनिक सूरज राय और उनके चचेरे भाई विजय राय के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले ने तूल पकड़ लिया था। इस घटना को लेकर पूर्व सैनिकों और सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद अब पुलिस प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुये थाना आठ पुलिसकर्मी एक साथ निलंबित कर दिया है ।
एसएसपी ने की कार्रवाई
इस गंभीर मामले में जांच के बाद जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) किशोर कौशल ने शुक्रवार को जुगसलाई थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सचिन कुमार दास सहित कुल आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में पांच दारोगा – दीपक कुमार महतो, तापेश्वर बैठा, शैलेंद्र कुमार नायक, कुमार सुमित, मंटू कुमार – और दो कांस्टेबल – शैलेश कुमार सिंह और शंकर कुमार – शामिल हैं।
सभी निलंबित पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से गोलमुरी पुलिस लाइन में योगदान देने का निर्देश दिया गया है।
आईजी ने की थी जांच, रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी गई
घटना के बाद मामला राज्य पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा था। डीजीपी के निर्देश पर रांची प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अखिलेश कुमार झा ने जमशेदपुर पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। जांच के बाद उन्होंने अपनी विस्तृत रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी, जिसके आधार पर उक्त निलंबन की कार्रवाई की गई।
पूर्व सैनिकों का आंदोलन, रक्षा मंत्रालय तक पहुंचा मामला
घटना के बाद पूर्व सैनिकों में आक्रोश फैल गया था। उन्होंने इस कृत्य को सैनिक के सम्मान का अपमान बताते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जुगसलाई थाना और उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। पूर्व सैनिकों का आरोप था कि सैनिक की गिरफ्तारी के बाद सेना की स्थानीय यूनिट या जम्मू यूनिट को नियमानुसार कोई सूचना नहीं दी गई, जो रक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। मामला रक्षा मंत्रालय और आर्मी मुख्यालय तक भी पहुंचा। इसके बाद आर्मी के अधिकारी रांची से जमशेदपुर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
घटना की असलियत आई सामने: निजी चालक के विवाद से शुरू हुआ मामला
आईजी द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सूरज राय और विजय राय के साथ-साथ नीरज रजक नामक एक युवक की भी बिना किसी ठोस कारण के पिटाई की गई थी। दरअसल, घटना की शुरुआत थाना के निजी चालक अभिषेक उर्फ छोटू बिल्ला के बस्ती के एक युवक से हुए विवाद से हुई थी। यह युवक विजय राय का दोस्त था।
इस विवाद की सूचना मिलने पर चालक ने अपने नजदीकी संबंधों का लाभ उठाते हुए जुगसलाई थाना प्रभारी को पूरे घटनाक्रम को बढ़ा-चढ़ाकर बताया और सूरज राय व विजय राय को थाने बुलवाया गया। थाने में चालक और सूरज राय के बीच बहस हुई, जिसके बाद सूरज, विजय और नीरज के साथ मारपीट की गई और आनन-फानन में सूरज व विजय को जेल भेज दिया गया।
एक और विवाद: होली के दिन की घटना भी जुड़ी
जांच में यह बात भी सामने आई कि घटना से पहले कपाली ओपी के पुलिसकर्मी सोनू कुमार होली के दिन अपनी पत्नी के साथ बागबेड़ा एमई स्कूल रोड होते हुए नया बस्ती पुल से गुजर रहे थे, जहां कुछ युवक शराब पी रहे थे। सोनू कुमार की गाड़ी को रास्ते में रोक दिया गया, जिसकी सूचना उन्होंने जुगसलाई थाना प्रभारी को दी। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह वहां से निकल गए। इसके बाद निजी चालक ने मौके पर पहुंचकर नीरज रजक के साथ मारपीट की।
न्याय की ओर बढ़ता कदम
इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा की गई मनमानी और नियमों की अवहेलना सामने आने के बाद जबरदस्त जनदबाव बना। विरोध के बाद सूरज राय और विजय राय को अदालत से जमानत मिल गई। अब पुलिस प्रशासन द्वारा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि कानून के रखवालों को भी नियमों का पालन करना होगा।