
एक छटाक भी खनिज झारखंड से बाहर नहीं जाने दूंगा-हेमंत सोरेन
परवेज़ आलम
झारखंड की सियासत में एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार की तलवारें खिंच गई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 52वें स्थापना दिवस पर केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर लिया और 1.36 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि की मांग को लेकर सख्त लहजे में चेतावनी दे डाली।
दिल्ली बनाम झारखंड: सौतेला व्यवहार का आरोप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंच से साफ कहा कि अगर केंद्र सरकार झारखंड का हक नहीं देती है, तो राज्य की खदानें बंद कर दी जाएंगी। एक छटाक भी खनिज राज्य से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। यह कोई सामान्य बयान नहीं, बल्कि एक बड़े संघर्ष की शुरुआत का ऐलान था। झारखंड खनिज संपदाओं से भरपूर है, लेकिन इसके बावजूद आर्थिक असमानता और सरकारी फंडिंग में भेदभाव की बातें लंबे समय से उठती रही हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की आर्थिक बदहाली के लिए पिछली सरकार जिम्मेदार है, लेकिन अब विकास की रफ्तार पकड़ ली गई है।
अबुआ आवास योजना: जब दिल्ली ने पीठ फेर ली तो…
झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य को राशि नहीं मिली, जिससे मजबूरन राज्य सरकार को अपनी योजना शुरू करनी पड़ी। हेमंत सोरेन की सरकार ने अबुआ आवास योजना लॉन्च की, जिससे गरीबों को अपने सिर पर छत नसीब हो सके। यह योजना बताती है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के बलबूते भी जनता को राहत देने को तैयार है। लेकिन यह भी एक हकीकत है कि केंद्रीय सहायता के बिना किसी भी राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं हो सकती।
नीति आयोग की रिपोर्ट: झारखंड की नई उड़ान
हेमंत सोरेन ने कहा कि नीति आयोग भी यह मान रहा है कि झारखंड देश के चार सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। यह बयान विपक्षी दलों को नागवार गुजर रहा है, क्योंकि झारखंड की यह छवि उनके राजनीतिक एजेंडे में फिट नहीं बैठती। मुख्यमंत्री का यह दावा एक उम्मीद जगाता है कि अगर सही दिशा में योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ, तो राज्य गरीबी और पिछड़ेपन के धब्बे से उबर सकता है।
मंईयां योजना पर फर्जीवाड़े का सवाल
महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘मंईयां सम्मान योजना’ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। पुरुषों द्वारा महिलाओं के नाम पर पैसा निकालने की खबरें सामने आई हैं। यह सवाल वाकई गंभीर है कि क्या राज्य की योजनाएं उन्हीं लोगों के हाथ में जा रही हैं, जिनके लिए वे बनाई गई हैं? मुख्यमंत्री ने इसे रोकने की बात कही और भ्रष्टाचार पर सख्ती बरतने की चेतावनी दी।
महिलाओं के विकास के लिए आधा बजट
महिलाओं की आर्थिक मजबूती के लिए झारखंड सरकार आधे बजट का इस्तेमाल कर रही है। मंईयां सम्मान योजना को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया। लेकिन इस योजना में फर्जीवाड़े की खबरों ने एक नई बहस छेड़ दी है। क्या सरकार की योजनाओं का असल लाभ जनता तक पहुंच रहा है? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि जब-जब सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी होती है, तो इसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ता है।
झारखंड बनाम केंद्र: कोयले की राजनीति
झारखंड की अर्थव्यवस्था में कोयले का बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चेतावनी दी कि अगर राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि नहीं दी गई, तो कोयले की खदानें बंद कर दी जाएंगी। यह चेतावनी सिर्फ राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक बड़े संघर्ष का संकेत है। झारखंड की खदानें देशभर में ऊर्जा की आपूर्ति करती हैं। अगर यहां उत्पादन रोका गया, तो इसका असर पूरे देश पर पड़ सकता है।
गांवों से चलेगी सरकार
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार सिर्फ रांची से नहीं, बल्कि गांवों से भी चलेगी। उन्होंने पंचायतों और गांवों में जाकर समस्याओं के समाधान की बात कही। जाति, आय और निवासी प्रमाण पत्र अब पंचायत स्तर पर ही बनने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे गांव के लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।
कल्पना सोरेन की भावनात्मक अपील
जेएमएम स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी शामिल हुईं। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए भावुक होकर कहा कि जब हेमंत सोरेन जेल में थे, तब झारखंड की जनता ने उनके परिवार को सहारा दिया। कल्पना सोरेन ने कहा कि झारखंड की जनता ने उन्हें बहू नहीं, बल्कि बेटी की तरह अपनाया। यह बयान राजनीतिक रूप से भी अहम था, क्योंकि इससे झामुमो कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास किया गया। इसके पूर्व झामुमो गिरिडीह जिला कमिटी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के सर पर ताज पहनाकर एवं भारी भरकम फूलों का माला पहना दोनों का भव्य स्वागत किया गया। वहीं पार्टी के 52वें जन्मदिन के अवसर पर केक भी काटा गया। बाद में दोनों ने शहीदों के वेदी पर माल्यार्पण किया।
कल्पना मुर्मू सोरेन ने राजनीतिक जीवन की पहली वर्षगांठ मनाई
इंडिया गठबंधन की स्टार प्रचारक और झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेत्री कल्पना मुर्मू सोरेन 4 मार्च 2024 को गिरिडीह मे ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की थी. गिरिडीह के ऐहतिहासिक झंडा मैदान में पार्टी के स्थापना दिवस समारोह मे कल्पना सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामा था. यहां पर पार्टी की विधिवत सदस्यता लेने के बाद कल्पना मुर्मू सोरेन ने कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी थी.
भविष्य की राह: क्या वाकई बदलेगा झारखंड?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया कि झारखंड को अगले 5 सालों में इतना आगे बढ़ाया जाएगा कि पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या झारखंड इस विकास की रफ्तार को बनाए रख पाएगा? राज्य की सबसे बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार और प्रशासनिक पारदर्शिता है। अगर इन दोनों मोर्चों पर सरकार मजबूत कदम उठाने में सफल रही, तो झारखंड वाकई उन राज्यों में शुमार हो सकता है, जो तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
यह राज्य झारखंडियो की सोच से चलेगा-सोनू
सभा को संबोधित करते हुये नगर विकास व पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि जिस पौधा को गिरिडीह में 51 साल पहले शिबू सोरेन ने रोपा था वह आज विशाल वृक्ष का रूप ले लिया है। उन्होने ने कहा कि जनता ने हेमंत सोरेन को 56 सीटों का बहुमत दिया, हेमंत पर यह भरोसा जताया है कि जो काम अधूरे रह गए हैं उसे पूरा करना है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने जिस सोना झारखंड की कल्पना की थी वह सोना झारखण्ड धरातल पर उतारने का समय है. मैं आपको भरोसा देना चाहता हूं राजनीतिक साजिश करने वाले कितनी भी ताकत लगा ले लेकिन गिरिडीह के इस ऐतिहासिक झंडा मैदान से यह संदेश स्पष्ट है कि यह राज्य झारखंडियो की सोच से चलेगा.
सभा को सम्बोधित करते राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद ने कहा कि हेमंत सोरेन के जेल जाने से कल्पना के रूप में एक बड़ी नेत्री का जन्म हुआ है। इससे भाजपा पश्चाताप कर रहा होगा। हेमंत सोरेन की तरह कल्पना सोरेन को जनता का प्यार मिला. कल जब हेमंत सोरेन की सरकार ने बजट पेश किया तो झारखंडी होने का सबूत भी दिया. सभा को पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी, केदार हाजरा, बेबी देवी, प्रणव वर्मा आदि ने भी संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने एवं संचालन अजीत कुमार पप्पू, महालाल सोरेन, शहनवाज ने किया।
संघर्ष जारी रहेगा!
झारखंड के सियासी मंच से एक बार फिर साफ हो गया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव जारी रहेगा। कोयला खदानों को बंद करने की चेतावनी, महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की सक्रियता और केंद्र से बकाया राशि की मांग—ये सारे मुद्दे आने वाले समय में झारखंड की राजनीति को गर्माने वाले हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान एक चेतावनी थी, लेकिन यह चेतावनी कब एक बड़े आंदोलन में बदल जाएगी, यह देखने वाली बात होगी।
गिरिडीह शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था
बता दें कि स्थापना दिवस को लेकर यह पहला मौका था जब झामुमो जिला समिति द्वारा पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था । शहरी क्षेत्र के सभी प्रमुख मार्गों एवं सभी चौक-चौराहे और सड़कों हरे लाइट से सजाया गया था । जगह-जगह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिशोम गुरु शिबू सोरेन, मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए थे । वहीं पूरा शहर पार्टी के झंडे से पाट दिया गया था ।