
By the news post4u
रांची: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 6 मई को एक दिवसीय दौरे पर विशेष विमान से रांची पहुंचेंगे। इस दौरे के दौरान वे रांची के ऐतिहासिक पुराने विधानसभा मैदान में आयोजित ‘संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली देश के मौलिक अधिकारों और सामाजिक न्याय की अवधारणा को बचाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।
कांग्रेस के झारखंड प्रदेश मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने बताया कि खरगे पहली बार झारखंड प्रदेश कांग्रेस की पोलिटिकल अफेयर कमेटी और विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में भाग लेंगे। साथ ही रैली के बाद होटल बीएनआर चाणक्य में पार्टी के जिला अध्यक्षों की बैठक को भी संबोधित करेंगे, जहां संगठनात्मक मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा होगी।
रैली की व्यापक तैयारी.
‘संविधान बचाओ’ रैली को सफल बनाने के लिए कांग्रेस के विधायक, सांसद, मंत्री और जिला स्तर के पदाधिकारी घर-घर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। भीषण गर्मी और बारिश की आशंका को ध्यान में रखते हुए आयोजन स्थल पर विशेष जर्मन हैंगर और दो अतिरिक्त पंडाल लगाए जा रहे हैं ताकि राज्य भर से आने वाले कार्यकर्ताओं और आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
शाहदेव ने बताया कि इस रैली में जातिगत जनगणना की दिशा में मिली प्रारंभिक सफलता की जानकारी साझा की जाएगी और अनुच्छेद 15(5) के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग को प्रमुखता दी जाएगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने हाल ही में एक पत्र भेजा है जिसमें राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष और नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति कर गतिविधियों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही 30 मई तक चलने वाले घर-घर अभियान और चौपालों के आयोजन की योजना भी बनाई गई है।
भाजपा का तीखा हमला: “बिल्ली हज को चली”
कांग्रेस की इस पहल पर झारखंड भाजपा ने कड़ा हमला बोला है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ’ रैली को “70 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” जैसी कहावत से जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने लंबे शासनकाल में संविधान की सबसे ज्यादा अवहेलना की है, और अब वही पार्टी खुद को संविधान का रक्षक बताने का नाटक कर रही है।
मरांडी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए निजी हितों के लिए संविधान में 80 बार संशोधन किए। 1951 में ही नेहरू ने पहला संशोधन किया, और आपातकाल के दौरान तो संविधान को कुचल ही दिया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के लिए संविधान अब “जेबी किताब” बन चुका है।
भाजपा नेता ने मल्लिकार्जुन खरगे से मांग की कि रांची की रैली से पहले उन्हें मंच पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या कांग्रेस उस मंत्री के बयान से सहमत है, जो कहता है कि “मेरे लिए शरीयत ऊपर है और संविधान नीचे।”
मरांडी ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को वास्तव में संविधान पर विश्वास है तो नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से पूछताछ पर उसके नेता सड़कों पर क्यों उतर आते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान के अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर राज्य सरकारों को गिराने का भी आरोप लगाया।
6 मई को होने जा रही ‘संविधान बचाओ’ रैली सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देश में सामाजिक न्याय और संविधान की व्याख्या को लेकर छिड़ी बहस का केंद्र बन चुकी है। जहां कांग्रेस इसे लोकतंत्र और अधिकारों की लड़ाई बता रही है, वहीं भाजपा इसे ढोंग और पाखंड करार दे रही है। देखना होगा कि इस रैली के जरिए कांग्रेस क्या संदेश देने में सफल होती है, और भाजपा इसका किस तरह से जवाब देती है।