परवेज़ आलम
झारखंड के गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा सीट पर इस बार सियासत का मंजर बदला-बदला सा है। यहां की धरती पर दो नारी शक्तियां आमने-सामने हैं। एक तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की कल्पना सोरेन, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी हैं, और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जमीनी नेता मुनिया देवी।
LIVE अपडेट्स:
- 1:04 PM: आठवें राउंड की गिनती खत्म! कल्पना सोरेन 3000 वोटों से मुनिया देवी से पीछे।
- तीसरे राउंड के बाद: झामुमो का गढ़ हिल रहा है, कल्पना सोरेन 4500 वोटों से पिछड़ीं।
गांडेय का इतिहास बताता है कि यह सीट झामुमो के लिए एक गढ़ रही है। 1977 में अस्तित्व में आई इस सीट पर झामुमो ने छह बार जीत दर्ज की है। लेकिन इस बार की लड़ाई अलग है। भाजपा ने मुनिया देवी को उतारकर मुकाबले को कांटे का बना दिया है।
क्या बदलेगी राजनीति की दिशा?
2024 के उपचुनाव में कल्पना सोरेन ने जब जीत दर्ज की थी, तो मतदाताओं को उम्मीद थी कि वह शायद मुख्यमंत्री बनेंगी। लेकिन इस बार भाजपा की मुनिया देवी अपनी मजबूत पकड़ के साथ झामुमो के इस गढ़ को चुनौती दे रही हैं।
गांडेय का सियासी सफर:
- 2005: झामुमो के सालखन सोरेन ने राजद के सरफराज अहमद को हराया।
- 2009: सरफराज अहमद कांग्रेस में शामिल होकर जीते।
- 2014: भाजपा के जय प्रकाश वर्मा ने कब्जा किया।
- 2019: सरफराज अहमद झामुमो से दोबारा विधायक बने।
- 2024 उपचुनाव: कल्पना सोरेन ने जीत दर्ज की।
लेकिन अब के हालात अलग हैं। मुनिया देवी जैसे जमीनी नेता ने लड़ाई को रोचक बना दिया है। अगर भाजपा यहां से जीत दर्ज करती है, तो यह झामुमो के गढ़ में बड़ी सेंध होगी।
“गांडेय का हर वोट इतिहास रच रहा है। सियासत के इस रोचक मुकाबले का अंजाम झारखंड की राजनीति को नया मोड़ देगा। देखते रहिए… The News Post4u