गिरिडीह के सात प्रतिष्ठानों के खाद्य पदार्थ मानकों पर खरे नहीं उतरे। राज्य खाद्य प्रयोगशाला द्वारा प्राप्त 14 नमूनों की रिपोर्ट में सात नमूने खाद्य सुरक्षा मानकों पर फेल पाए गए। गांधी चौक स्थित बाबा स्वीट्स और शुभम स्वीट्स, राजधनवार के लड्डू में मानकों से अधिक मात्रा में फूड कलर मिलने के कारण इन्हें सबस्टैंडर्ड पाया गया। इसी तरह, राजधनवार का बाबा सत्तू भी मानकों पर खरा नहीं उतरा। नगर थाना क्षेत्र की दत्ता स्वीट्स और मकतपुर की सुरुचि स्वीट्स से लिए गए खोआ के नमूनों में वसा की मात्रा कम पाई गई, जिससे ये सबस्टैंडर्ड की श्रेणी में फेल पाए गए। तिरंगा चौक के अभिषेक कुमार और न्यू गुप्ता जेनेरल स्टोर से लिए गए निमकी और दालमोट के नमूने भी मानकों पर खरे नहीं उतरे।
इन प्रतिष्ठानों की मिठाईयां मानकों पर खरे उतरीं
हुट्टी बाजार का केशरी मिष्टान का पनीर, कालीमंडा का उत्सव मिष्टान, स्टेशन रोड का नेमानी स्वीट्स का पेड़ा, मकतपुर का सुदर्शन स्वीट्स का काजू बर्फी और चमचम मानकों के अनुरूप पाए गए। पंजाबी मुहल्ला स्थित बर्णवाल स्टोर और स्टेशन रोड स्थित गिरिडीह मेडिको से लिए गए फूड सप्लीमेंट के नमूने भी खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे उतरे। राजधनवार के नीरज स्टोर से लिया गया सरसों का तेल और सिरिसिया स्थित निर्मला डेयरी का गाय का दूध भी खाद्य सुरक्षा के मानकों पर खरे पाए गए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने कहा कि नियमित निरीक्षण और नमूना संग्रहण विशेषकर त्योहारों के मद्देनजर अभियान के रूप में किया जाएगा। मानकों के अनुरूप खाद्य पदार्थ न बेचने वालों पर होगी कार्रवाईऐ से प्रतिष्ठानों के खिलाफ न्यायनिर्णयन पदाधिकारी-सह-अपर समाहर्ता की अदालत में केस दर्ज किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत सबस्टैंडर्ड खाद्य पदार्थों पर अधिकतम 5 लाख रु. का जुर्माना, मिसब्रांडेड खाद्य पदार्थों के लिए अधिकतम 3 लाख रु. का जुर्माना और असुरक्षित खाद्य पदार्थों के लिए अधिकतम 6 साल की सजा और 5 लाख रु. का जुर्माना निर्धारित है।