
परवेज़ आलम की रिपोर्ट……
झारखंड विधानसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन ने इतिहास रच दिया। राज्यपाल संतोष गंगवार के अभिभाषण ने झारखंड की राजनीति और विकास की दिशा को नई ऊर्जा दी। उनके शब्दों ने न केवल सरकार के वादों को पुख्ता किया, बल्कि झारखंड के भविष्य का एक रोडमैप भी सामने रखा।
महिलाओं के लिए नई उम्मीद
सबसे बड़ा ऐलान सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण का रहा। यह कदम झारखंड में महिलाओं के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलने वाला है। चुनावी वादे को निभाते हुए, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि महिलाओं को रोजगार में बराबरी का हक मिले।
सरना धर्म कोड और आरक्षण पर जोर
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में बताया कि झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड बिल पास किया है, जो अब केंद्र की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। इसके साथ ही आदिवासियों को 28%, ओबीसी को 27%, और एससी को 12% आरक्षण देने की बात दोहराई गई। यह झारखंड के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।
किसानों और गरीबों के लिए राहत पैकेज
किसानों को ज़ीरो ब्याज पर लोन देने का ऐलान झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देगा। साथ ही, गरीबों के लिए 7 किलो चावल और 2 किलो दाल उपलब्ध कराने की योजना ने आम जनता की बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता दी है।
शिक्षा और खेल को मिलेगा बढ़ावा
राज्यपाल ने घोषणा की कि झारखंड में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सलेंस और 4,500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय खोले जाएंगे। इन स्कूलों में स्वास्थ्य और संगीत जैसे विषयों के शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना और खिलाड़ियों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के जरिए खेल को भी एक नई पहचान देने का प्रयास किया गया है।
गांव और शहर में संतुलित विकास
अबुआ आवास योजना के तहत 25 लाख गरीब परिवारों को तीन कमरों के सुंदर घर मुहैया कराए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में पुराने मकानों के नक्शे का नियमितीकरण भी राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
वित्तीय मजबूती की ओर कदम
राज्यपाल ने बताया कि झारखंड सरकार केंद्र और उसकी कंपनियों के बकाए ₹1.36 लाख करोड़ को कानूनी रास्ते से वसूलने का प्रयास करेगी। यह कदम राज्य की आर्थिक स्थिति को स्थिरता देगा।
सहारा इंडिया के पीड़ित निवेशकों के लिए लड़ाई लड़ने से लेकर नई पेंशन योजना के तहत जमा धनराशि वापस लाने तक, राज्य सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
झारखंड विधानसभा के इस सत्र ने केवल घोषणाएं नहीं कीं, बल्कि झारखंड के विकास की नई नींव भी रखी। राज्यपाल के शब्दों में उन्नत, समृद्ध, और सुखी झारखंड का सपना झलकता है। अब देखना यह होगा कि ये योजनाएं जमीन पर कैसे उतरती हैं।