
RANCHI: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना ने हेमंत सोरेन सरकार की सत्ता में वापसी में निर्णायक भूमिका निभाई। चुनाव के चार महीने पहले शुरू की गई इस योजना का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। चुनावी नतीजों के बाद सिर्फ 15 दिनों में इस योजना के लाभुकों की संख्या में पांच लाख की बढ़ोतरी हुई, जो अब बढ़कर 64 लाख 62 हजार तक पहुंच चुकी है।
चुनाव से पहले और बाद का अंतर
महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग के अनुसार, चुनाव से पहले आचार संहिता लागू होने तक इस योजना के तहत पंजीकृत लाभुकों की संख्या 59 लाख थी। चुनाव के बाद 15 दिनों के भीतर यह आंकड़ा 64 लाख पार कर गया। इनमें से 53 लाख 65 हजार 345 लाभुकों को सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति भी मिल चुकी है।
क्रिसमस पर महिलाओं को मिलेगा बड़ा तोहफा
दिसंबर में महिलाओं के खातों में इस योजना के तहत 1000 रुपये के बजाय 2500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। यह राशि 18 से 20 दिसंबर के बीच रिलीज होने की संभावना है, ताकि क्रिसमस से पहले इसे महिलाओं के बैंक खाते में पहुंचाया जा सके। इसके बाद हर महीने महिलाओं को 2500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
गलत लाभ लेने वालों पर सख्त कार्रवाई
सरकार ने इस योजना के तहत गलत तरीके से लाभ उठाने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। समाज कल्याण आयुक्त ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि जो लोग केंद्र या राज्य सरकार से जुड़ी किसी भी संस्था में कार्यरत हैं, उन्हें योजना का लाभ लेने से रोका जाए। ऐसे मामलों में वसूली का आदेश भी जारी किया गया है।
21 जिलों में लाभुकों की संख्या 1 लाख से अधिक
राज्य के 24 में से 21 जिलों में योजना के लाभुकों की संख्या एक लाख से अधिक है। सबसे अधिक लाभुक रांची जिले में हैं, जहां 5.23 लाख महिलाओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 4.29 लाख के खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी। वहीं, सबसे कम लाभ सिमडेगा जिले में है, जहां 83 हजार महिलाएं इस योजना से जुड़ी हैं।
खूंटी, लोहरदगा और सिमडेगा पिछड़े
केवल तीन जिले, लोहरदगा, खूंटी और सिमडेगा, ऐसे हैं जहां लाभुकों की संख्या एक लाख से कम है। बाकी जिलों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
मंईयां सम्मान योजना ने न केवल महिलाओं के जीवन में आर्थिक सुधार लाया है बल्कि चुनावी राजनीति में भी अपनी अहमियत साबित की है।