
नई दिल्ली : बात दिल्ली के चुनावी रण की, जहां आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को घेरा है। मुद्दा? मुख्यमंत्री का चेहरा।
केजरीवाल का सवाल:
त्यागराज स्टेडियम में आयोजित महिला अदालत में अरविंद केजरीवाल ने सीधे बीजेपी पर हमला बोला। उनका कहना था,
“चुनाव तो लड़ रहे हो, लेकिन दूल्हा कौन है?”
ये सवाल सिर्फ कटाक्ष नहीं था, बल्कि बीजेपी की रणनीति पर सवाल था। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के पास ना कोई टीम है, ना कोई मुद्दा, और ना ही मुख्यमंत्री का चेहरा।
महिलाओं को 2100 रुपये का वादा दोहराया।
इस दौरान केजरीवाल ने अपने चुनावी वादे को दोहराते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार बनी, तो दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये मिलेंगे।
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी को यही वादा खल रहा है।
“बीजेपी वाले कह रहे हैं कि महिलाएं 2100 रुपये पाकर बिगड़ जाएंगी। मैं कहता हूं, देते रहो गालियां।”
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर तीखा हमला।
महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए केजरीवाल ने कहा कि निर्भया कांड के बाद उम्मीद थी कि हालात सुधरेंगे, लेकिन दिल्ली में अपराध का स्तर बढ़ता जा रहा है।
“गृहमंत्रालय हाथ पर हाथ धरे बैठा है। चुनाव के समय नेता झुग्गियों में सोते हैं, लेकिन बाद में उन्हीं झुग्गियों को गिराने का आदेश देते हैं।”
अखिलेश यादव का समर्थन।
कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद थे। उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय पर तीखा हमला करते हुए कहा,
“ये कैसा गृह मंत्रालय है, जो दिल्ली को सुरक्षित नहीं रख सकता और मणिपुर को जलने देता है?”
महिलाओं ने सुनाई अपनी आपबीती।
कार्यक्रम में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से महिलाएं पहुंचीं। कई महिलाओं ने मंच पर अपनी समस्याएं साझा कीं। किसी ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, तो किसी ने सरकारी योजनाओं के न मिलने की बात कही। इस दौरान मंच पर कई महिलाएं भावुक हो गईं।
ANI के मुताबिकदिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- हमारा चेहरा तो एक ही है। हम 70 सीटों पर अपने चेहरे घोषित कर चुके हैं और वह चेहरा कमल का फूल है। वीरेंद्र सचदेवा के इस बयान से साफ है कि इस बार भी BJP अपने किसी नेता को दिल्ली विधानसभा चुनावों में सीएम चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेगी। गौर करने वाली बात यह है कि इन चुनावों के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी नहीं की है।
चुनावी सवाल:
अरविंद केजरीवाल का यह हमला सिर्फ बीजेपी पर तंज नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
क्या मुख्यमंत्री के चेहरे की कमी बीजेपी के लिए चुनौती बनेगी?
क्या महिला सुरक्षा और आर्थिक मदद का वादा केजरीवाल को बढ़त दिलाएगा?
और क्या अखिलेश यादव का समर्थन विपक्ष को और मजबूत करेगा?
चुनावी दंगल तेज हो चुका है, और दिल्ली की सियासत एक बार फिर गर्म है।
आपकी राय?
क्या “2100 रुपये और महिला सुरक्षा” का मुद्दा वोटरों को आकर्षित करेगा, या बीजेपी बिना चेहरे के भी बाजी मार जाएगी?