
बोकारो की रिपोर्ट……..
झारखंड के उग्रवाद प्रभावित इलाके में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA ) ने नक्सली नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को एनआईए ने बोकारो जिले के गोविंदपुर से बच्चा सिंह उर्फ बच्चा बाबू सिंह को गिरफ्तार किया। बच्चा सिंह पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी [ MCC ]के लिए काम करने और उसकी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप है।
नक्सलियों के लिए करता था आर्थिक मदद का प्रबंध।
एनआईए की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि बच्चा सिंह न केवल नक्सलियों की गतिविधियों का समर्थन करता था, बल्कि उनके लिए धन संग्रह में भी अहम भूमिका निभाता था। झारखंड समेत कई अन्य इलाकों में माओवादी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए वह सक्रिय था।
एनआईए की आठ टीमें, सटीक छापेमारी
शनिवार सुबह एनआईए की आठ टीमें बोकारो पहुंचीं। पुलिस के सहयोग से गोमिया, चतरोचट्टी और गोविंदपुर जैसे क्षेत्रों में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया गया। बोकारो के एसपी मनोज स्वर्गीयारी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि एनआईए की टीम ने उग्रवादियों के सहयोगियों और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसा है।
सुदूर गांवों में नक्सलियों के मददगारों पर कार्रवाई।
एनआईए की टीम ने चतरोचट्टी के चुट्टे और लोधी गांव, साथ ही गोमिया थाना क्षेत्र के धमधरवा जैसे दुर्गम गांवों में छापेमारी की। इन इलाकों को नक्सली गतिविधियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है। बच्चा सिंह की गिरफ्तारी ने इन क्षेत्रों में नक्सलियों के मददगारों और अवैध गतिविधियों में लिप्त अन्य लोगों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
भाकपा माओवादी पर बड़ी चोट।
बच्चा सिंह की गिरफ्तारी को भाकपा माओवादी के नेटवर्क पर एक बड़ी चोट माना जा रहा है। एनआईए के सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी संगठन के शीर्ष नेताओं तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थानीय प्रशासन का सहयोग और रणनीति।
एनआईए की इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिस का पूरा सहयोग रहा। यह छापेमारी इस बात का संकेत है कि केंद्र और राज्य सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
एनआईए का एक्शन, माओवादी नेटवर्क की कमजोर कड़ी उजागर।
यह कार्रवाई न केवल नक्सलियों के खिलाफ एक सख्त संदेश है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एनआईए उग्रवाद प्रभावित इलाकों में माओवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति पर काम कर रही है। बच्चा सिंह की गिरफ्तारी से उग्रवादियों के बीच खलबली मच गई है, और सुरक्षा एजेंसियां अब उनके नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने के लिए और अधिक तत्पर हो गई हैं।