
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को रांची में हुई कैबिनेट बैठक ने राज्य कर्मियों और पेंशनरों के लिए बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, राज्य कर्मियों और उनके आश्रितों को सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये और गंभीर बीमारियों के लिए 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा।
1.75 लाख कर्मियों और 2.25 लाख पेंशनरों को होगा फायदा।
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बैठक के बाद बताया कि इस योजना के तहत राज्य के 1.75 लाख कर्मियों और 2.25 लाख सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ मिलेगा। योजना में शामिल होने वाले कर्मियों के वेतन से हर महीने 500 रुपये काटे जाएंगे, जबकि पेंशनभोगियों को सालाना 6,000 रुपये जमा करने होंगे। योजना का कवरेज इतना ही नहीं रुकता। इसमें अखिल भारतीय सेवाओं के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी, विधानसभा के पूर्व सदस्य, और राज्य के विभिन्न बोर्ड-निगमों के कर्मी भी अपनी इच्छा से जुड़ सकते हैं।
टाटा एआईजी से हुआ करार।
इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ करार किया है। 150 करोड़ रुपये आकस्मिकता निधि से और 50 करोड़ रुपये बफर स्टॉक के रूप में आरोग्य सोसायटी के ट्रस्ट में रखे जाएंगे।
हालांकि, यह योजना पिछले साल 31 जुलाई 2023 को घोषित की गई थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसे लागू नहीं किया जा सका। अब, संशोधन के बाद, यह योजना कर्मियों और पेंशनरों के लिए वरदान साबित होगी।
दुमका से उड़ान सेवा का रास्ता साफ।
कैबिनेट ने दुमका हवाई अड्डे से उड़ान सेवा शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ संचार, नेविगेशन और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सेवाओं के लिए एमओयू के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई है। इसके बाद क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़ान’ के तहत दुमका हवाई अड्डे से नियमित उड़ानें शुरू होंगी।
हॉस्पिटलों में नए पद और शिक्षा क्षेत्र में सुधार।
राज्य के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में सीनियर मैनेजर, फाइनेंस मैनेजर, और आईटी एग्जीक्यूटिव जैसे नए पद सृजित किए गए हैं। इसके अलावा, मिडिल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए ज्ञानोदय योजना के तहत 94.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
सरकार के कदमों से उम्मीदें बढ़ीं।
झारखंड सरकार के ये निर्णय न केवल स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों को मजबूत करेंगे बल्कि राज्य के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।