
झारखंड की राजनीति में इन दिनों आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार को आईएएस पूजा सिंघल प्रकरण पर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बाबूलाल मरांडी ने लिखा, “झारखंड में एक अजीबोगरीब खेल चल रहा है। यहां प्रशासनिक व्यवस्था ‘रिवॉर्ड और पनिशमेंट’ की अनोखी नीति पर काम कर रही है। भ्रष्ट अधिकारियों को इनाम दिए जा रहे हैं और ईमानदार अधिकारियों को दंडित किया जा रहा है।”
जमानत पर बाहर अधिकारी को विभाग की जिम्मेदारी?
मरांडी का आरोप है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में जेल से जमानत पर बाहर आई आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को राज्य के एक प्रमुख विभाग की जिम्मेदारी देने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा, “यह निर्णय न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राज्य में ईमानदारी और पारदर्शिता का क्या महत्व रह गया है।”
सियासत में उबाल|
बाबूलाल मरांडी के इस बयान के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई है। उनके आरोपों ने राज्य सरकार के प्रशासनिक फैसलों पर नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर भाजपा इसे राज्य सरकार की नाकामी बता रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार समर्थकों का कहना है कि यह सिर्फ सियासी हमला है।
जनता के मन में सवाल|
इस प्रकरण ने जनता के बीच भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे अधिकारियों को जिम्मेदारी देना सही है? क्या इससे ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिरता नहीं?
झारखंड की सियासत में यह मुद्दा फिलहाल गर्म है और आने वाले दिनों में इसका असर राज्य की राजनीति पर साफ दिखाई देगा।
झारखंड में एक अजीबोगरीब खेल चल रहा है, जहां प्रशासनिक व्यवस्था “रिवॉर्ड एंड पनिशमेंट” की अनोखी नीति पर काम कर रही है। इस व्यवस्था में भ्रष्ट अधिकारियों को इनाम दिया जाता है, जबकि ईमानदार अधिकारियों को दंडित किया जाता है।
राज्य के मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM जी ने हाल ही… pic.twitter.com/MarBykG410
— Babulal Marandi (@yourBabulal) January 24, 2025