
झारखंड पुलिस ने नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया। साथ ही, दबिश के चलते 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। मुठभेड़ों में 9 नक्सलियों को मार गिराया गया। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने गणतंत्र दिवस के मौके पर कहा, “इस वर्ष नक्सलवाद का सफाया सुनिश्चित है।”
श्री गुप्ता ने कहा कि झारखंड में वर्ष 2024 नक्सलवाद और अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के लिए याद किया जाएगा। पुलिस ने इस साल बड़े पैमाने पर अभियान चलाते हुए न केवल नक्सलियों को कड़ा संदेश दिया, बल्कि संगठित अपराध, मादक पदार्थ तस्करी, और साइबर अपराध के मामलों में भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की।
डीजीपी ने संविधान के प्रति समर्पण की बात करते हुए कहा, “हमें झारखंड को नक्सल और अपराध मुक्त बनाते हुए इसे समृद्ध और शांतिपूर्ण राज्य में बदलने की दिशा में काम करना है।”
संगठित अपराध और आतंकवाद पर शिकंजा.
राज्य पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ भी मजबूत कार्रवाई की, जिसमें 154 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। आतंकवाद के खिलाफ विशेष अभियान में एटीएस ने अलकायदा के 4 आतंकवादियों को पकड़ा। ये गिरफ्तारियां झारखंड पुलिस की सतर्कता और प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।
मादक पदार्थ तस्करों और साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई.
अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल 1362 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा गया। साथ ही, 1.82 करोड़ रुपये की अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए।
साइबर अपराध के मामलों में, 1869 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 67.20 करोड़ रुपये की राशि फ्रिज की और 3 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि पीड़ितों को वापस लौटाई।
जन शिकायत समाधान: पुलिस-जनता की साझेदारी
राज्य में जनता की समस्याओं को त्वरित हल करने के लिए विशेष जन शिकायत समाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह पहल पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ाने और बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए की गई है।