
गिरिडीह पुलिस की हो रही है सराहना
परवेज़ आलम की खास रिपोर्ट……
गिरिडीह। पुलिस ने सिर्फ 24 घंटे में विजय यादव की जघन्य हत्याकांड का खुलासा कर दिया। गिरिडीह पुलिस और सिमुलतला पुलिस ने न शिर्फ हत्याकांड का खुलासा किया बल्कि चार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। गिरिडीह एसपी डॉ. बिमल कुमार ने शुक्रवार को पूरे ह्त्या कांड और अभियुक्तों की गिफ़्तरी की जानकारी मीडिया को दी । पुलिस के अनुसार, हत्या की वजह पुरानी रंजिश थी।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार अभियुक्त—बाबू चंद यादव, पवन यादव, अरुण कुमार शर्मा और मनोज यादव ने मिलकर इस नृशंस हत्या को अंजाम दिया। पहले विजय को जबरन शराब पिलाई गई, फिर बोलेरो गाड़ी में ठूंसकर बिहार ले जाया गया। रास्ते में गमछे से गला घोंटकर उसकी सांसें रोक दी गईं और तलवार से हमला कर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को सिमुलतला के घने जंगल में फेंक दिया गया, ताकि किसी को शक न हो।
सड़क पर उतरे लोग, पुलिस पर दबाव, 24 घंटे में खुलासा।
विजय यादव के लापता होने की खबर मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई थी । जब परिजनों को शक हुआ कि विजय का अपहरण कर हत्या कर दी गई है, तो बुधवार को जिला परिषद सदस्य राजकुमार राउत और मुखिया हासिम अंसारी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने गावां-गिरिडीह मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की।
एसपी के आदेश पर बनी टीम, खोजी कुत्तों और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से खुलासा
हालात की गंभीरता को देखते हुए गिरिडीह एसपी डॉ. बिमल कुमार ने तुरंत खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया । छापेमारी, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और खोजी कुत्तों की मदद से पुलिस को अहम सुराग मिले, जिसके बाद चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
हत्या में प्रयुक्त हथियार, बोलेरो और मोबाइल फोन जब्त।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई तलवार, गमछा, बोलेरो गाड़ी और 6 मोबाइल फोन जब्त किए। पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
“विजय मुखर था, इसलिए मार दिया गया” – गांव वालों का बयान
गांव के लोगों का कहना है कि “विजय गलत के खिलाफ हमेशा आवाज उठाता था। वह निडर था, लेकिन शायद यही उसकी सबसे बड़ी गलती बन गई।”
पुरानी दुश्मनी का बदला: एसडीपीओ का बयान।
खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि विजय यादव और आरोपियों के बीच पुरानी दुश्मनी थी। इसी के चलते उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची गई।
गिरिडीह पुलिस की तत्परता से 24 घंटे में केस सुलझा
गिरिडीह पुलिस ने सिर्फ 24 घंटे में इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा कर दिया, जिससे इलाके में पुलिस की तत्परता की सराहना की जा रही है। हालांकि, इस निर्मम हत्या ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या सच बोलना अब जानलेवा हो गया है?